Rajasthan: सचिन पायलट कर रहे तीसरा मोर्चा बनाने पर विचार
Sachin Pilot राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की इच्छा है कि ममता बनर्जी और चंद्रबाबू नायडू की तरह प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनाया जाए। इसके लिए वह प्रयास भी कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Sachin Pilot: सोमवार रात राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक विधायकों ने अपने नजदीकियों को फोन कर कहा कि वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे। इनका कहना है कि भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं से उनकी बातचीत अवश्य हुई है, लेकिन उन्होंने शामिल होने का निर्णय नहीं लिया है। पायलट की इच्छा है कि ममता बनर्जी और चंद्रबाबू नायडू की तरह प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनाया जाए। इसके लिए वह प्रयास भी कर रहे हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल से भी रविवार और सोमवार को दो बार पायलट की बात हुई। सूत्रों के अनुसार, पायलट प्रगतिशील कांग्रेस नाम से तीसरा मोर्चा बनाने पर विचार कर रहे हैं। इसको लेकर वह मंगलवार तक निर्णय ले सकते हैं।
दिग्गज जयपुर पहुंचे
राजस्थान में सियासी संकट के बीच कांग्रेस के कई दिग्गज नेता दिल्ली से जयपुर पहुंचे हैं। इनमें राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला व अजय माकन रविवार देर रात आए थे। वहीं महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता राजीव सातव सोमवार को दोपहर बाद यहां पहुंचे। सातव के सचिन पायलट से निकट संबंध बताए जाते हैं।
बहुमत के जोड़तोड़ को लेकर जुटे दिग्गज
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व ने पिछले 48 घंटे के भीतर डिप्टी सीएम सचिन पायलट से कई बार बात की है। सचिन पायलट के लिए कांग्रेस के द्वार हमेशा के लिए खुले हैं। लेकिन यदि परिवार का कोई सदस्य नाराज हो जाए तो वह परिवार को गिराता नहीं है बल्कि परिवारके साथ बैठकर उस समस्या का समाधान करता है। सुरजेवाला ने कहा कि मैंने अब तक पायलट का ऐसा कोई बयान नहीं पढ़ा,जिसमें उन्होंने यह कहा हो कि वे कितने विधायकों को लेकर भाजपा में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने कल से लेकर आज तक कई बार पायलट से बात की है। उनकी समस्याओं का समाधान करने की बात हुई है। उन्होंने कहा कि मैं पायलट और सभी विधायकों से अपील करूंगा कि प्रदेश के लोगों ने स्थिर सरकार देने के लिए कांग्रेस को वोट दिया है, इसलिए सभी को विधायक दल की बैठक में शामिल होना चाहिए। सोमवार सुबह मीडिया से बात करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा के तीन अग्रिम विभाग हैं ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई । इनमें से दो प्रदेश में आ गए हैं।
दावे और सियासी गणित के दो पहलू
एक- पायलट का दावा है कि उनके संपर्क में 30 से ज्यादा विधायक हैं। इसे सही मानें तो गहलोत सरकार अल्पमत में आ जाएगी। कांग्रेस के 107 में से 30 विधायक इस्तीफा देते हैं तो 200 सदस्यीय सदन में विधायकों की संख्या 170 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 86 विधायकों की जरूरत होगी। 30 के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास 77 विधायक बचेंगे। एक आरएलडी विधायक पहले से उनके साथ है। कांग्रेस की कुल संख्या 78 होगी। यानी बहुमत से 8 कम। उधर, आरएलपी के 3 विधायक मिलाकर भाजपा के पास 75 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए भाजपा को निर्दलीय तोड़ने होंगे। प्रदेश के 13 निर्दलीय विधायकों में फिलहाल 10 कांग्रेस समर्थक हैं। अगर इसमें से भाजपा 8 विधायक अपनी तरफ कर ले तो अपनी सरकार बना सकती है। बीटीपी ने सोमवार शाम को साफ कर दिया कि वे किसी के साथ नहीं जाएंगे तटस्थ रहेंगे ।
दो- पायलट के दावे से अलग अब तक की स्थिति में 15 से 17 कांग्रेस विधायक उनके खेमे में होने की संभावना है। अगर यह सभी विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 185 या 183 हो जाएगी। फिर बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 93 पर पहुंच जाएगा। मौजूदा समीकरण में गहलोत गुट में 92 कांग्रेस विधायक हैं। एक आरएलडी विधायक उनके साथ हैं और अगर कुछ निर्दलीय गहलोत के साथ रहे तो सरकार सुरक्षित रहेगी।