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Rajasthan: उदयपुर के हितेंद्र गरासिया का शव देने को रूस सरकार तैयार, दो-तीन दिन में भारत आ सकती है पार्थिव देह

Rajasthan उदयपुर के आदिवासी युवक हितेंद्र गरासिया के शव को कब्र से बाहर निकालकर रूस सरकार भारत सरकार को देने पर सहमति जताई है। संभवत अगले दो-तीन दिन में रूस सरकार भारतीय दूतावास को शव सुपुर्द कर देगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 03:46 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 03:46 PM (IST)
Rajasthan: उदयपुर के हितेंद्र गरासिया का शव देने को रूस सरकार तैयार, दो-तीन दिन में भारत आ सकती है पार्थिव देह
उदयपुर के हितेंद्र गरासिया का शव देने को रूस सरकार तैयार। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। रूस सरकार ने छह माह पहले उनके देश में मृत उदयपुर के आदिवासी युवक हितेंद्र गरासिया के शव को कब्र से बाहर निकालकर भारत सरकार को देने पर सहमति जताई है। संभवत अगले दो-तीन दिन में रूस सरकार भारतीय दूतावास को शव सुपुर्द कर देगी। भारत सरकार रूस से हितेंद्र के शव को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक ले आएगी। राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर के न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकलपीठ के समक्ष बुधवार को भारत सरकार के अतिरिक्त सालिसीटर जनरल आरडी रोस्तगी ने वीसी के जरिये कोर्ट को यह बताया कि रूस सरकार शव देने को तैयार है। उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार का कोई सदस्य जब शव लेने रूस नहीं पहुंचे तो तीन दिसंबर, 2021 को मास्को के कब्रिस्तान में हितेंद्र का शव दफना दिया था।

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जानें, क्या है मामला

भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने रूसी दूतावास को बताया कि भारतीय रीति रिवाज के अनुसार, हिंदू समुदाय में मृत शरीर का अंतिम संस्कार करने की आवश्यकता की जानकारी दी। इसके बाद रूस सरकार ने हितेंद्र के शव को कब्र से बाहर निकालकर भारत सरकार को देने पर सहमति जता दी। संभवत अगले दो-तीन दिन में रूस सरकार भारतीय दूतावास को हितेंद्र का शव सुपुर्द कर देगी। इसके बाद भारत सरकार रूस से हितेंद्र के शव को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक ले आएगी। इसके बाद हितेंद्र का शव उदयपुर तक पहुंचाने के लिए दिल्ली में राजस्थान के अपर मुख्य सचिव को कहा गया है। उदयपुर तक शव पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 18 जनवरी को रखी है। उल्लेखनीय है कि हितेन्द्र की पत्नी आशा व बच्चों की ओर से अधिवक्ता सुनील पुरोहित ने राजस्थान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर में याचिका पेश करते हुए हितेंद्र के शव को भारत लाने की गुहार की थी। उदयपुर जिले के गोड़वा गांव के हितेंद्र गरासिया का निधन रूस में 17 जुलाई, 2021 को हो गया था। तब से लेकर अब तक परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए पार्थिव देह का इंतजार कर रहे हैं।

नई दिल्ली में हितेंद्र के परिजनों का धरना

उल्लेखनीय है कि हितेंद्र का शव नहीं मिलने के बाद परिजनों ने राजस्थान सरकार, केंद्र सरकार तथा राष्ट्रपति तक से गुहार लगाई। इसके बाद परिजनों ने नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। बुधवार को हितेंद्र गरासिया के पुत्र पीयूष गरासिया ने कांग्रेस के प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा व अन्य सहयोगियों के साथ प्रदर्शन किया।  


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