कोरोना काल में भारत ने सामाजिक केंद्र होने का उदाहरण दिया : भागवत
जयपुर में आरएसएस कार्यकर्ताओं से बात करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्य को लेकर लोगों में विश्वास बढ़ा है। शिक्षा स्व रोजगार और आत्मनिर्भरता जैसे क्षेत्रों में संघ के कार्यों की भी चर्चा हुई।
जयपुर, एएनआइ। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh- RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार को कहा है कि लोगों का आरएसएस के सोशल वर्क को लेकर विश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भारत ने सामाजिक केंद्र होने का उदाहरण पेश किया है। वह यहां भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के वर्चुअल राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने आए थे।
सम्मेलन में भागवत ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ को असंगठित क्षेत्र में अपने कार्य का विस्तार देना चाहिए, ताकि वहां बदलाव लाया जा सके। सम्मेलन में देश के करीब छह हजार संघों और 40 सेक्टरों के परिसंघों के तीन हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
संघ प्रमुख ने कहा कि बीएमएस को शोषण मुक्त भारत बनाने के लिए काम करना चाहिए, ताकि हर किसी को न्याय मिले। बीएमएस को समाज के हाशिए के तबके के विकास के लिए काम करने वाले दूसरे समान विचारों वाले और प्रतिबद्ध संगठनों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
उन्होंने श्रम क्षेत्र में नई कार्य संस्कृति बनाने और उसके विकास के लिए काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बीएमएस मजदूरों के अधिकारों और उनके कल्याण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 'संघर्ष और संवाद' के सिद्धांत पर काम कर रहा है।
चर्चा में शिक्षा, स्व रोजगार और आत्मनिर्भरता जैसे क्षेत्रों में संघ द्वारा किए गए कार्यों पर भी बात की गई। भागवत ने शिक्षा के क्षेत्र में संघ द्वारा किए जा रहे कार्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि इसका हल स्कूल निदेशकों, शिक्षकों, अभिभावकों और डोनर्स के साथ विचार-विमर्श करके निकाला जाना चाहिए।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जानी चाहिए ताकि समाज में व्याप्त कुप्रथाओं को मिटाया जा सके और देश की समस्याओं को समाजिक-स्तर पर हल किया जा सके। चर्चा के बाद जयपुर प्रांत संघचालक महेंद्र सिंह मग्गो (Mahendra Singh Maggo) ने कहा कि बैठक में कोरोनो वायरस लॉकडाउन के दौरान अन्य संगठनों के साथ संघ द्वारा किए गए कार्यों पर चर्चा की गई।