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Rajasthan: रॉबर्ट वाड्रा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, ईडी ने राजस्थान हाईकोर्ट में दाखिल की अर्जी

Rajasthan रोबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट प्राइवेट हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड ने 2012 में बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में कुछ दलालों के जरिए 270 बीघा जमीन 79 लाख रुपये में खरीदी। बीकानेर में भारतीय सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए जमीन आवंटित की गई थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 06:35 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 06:35 PM (IST)
रॉबर्ट वाड्रा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। स्काइलाइट प्राइवेट हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में प्रियंका वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती है। राजस्थान हाईकोर्ट में ईडी की ओर से एक प्रार्थना पत्र पेश किया गया है, जिसमें मनीलांड्रिंग से जुड़े मामले में रॉबर्ट वाड्रा तथा अन्य आरोपितों से पूछताछ करने की आवश्यकता जताते हुए आरोपितों को हिरासत में लेने की हाई कोर्ट से इजाजत मांगी गई है। यदि इस मामले में अदालत की ओर से स्वीकृति मिलती है तो निश्चित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा और अन्य आरोपितों की मुश्किलें बढ़ेगी। मामले में प्रियंका वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा और उनकी माता मौरीन वाड्रा सहित अन्य आरोपित हैं। सोमवार को इस मामले में सुनवाई होनी है।

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राजस्थान हाईकोर्ट में स्काइलाइट प्राइवेट हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड तथा महेश नागर की ओर से दायर विविध अपराधी याचिका में ईडी की ओर से एएसजी राजदीपक रस्तोगी व एएएसजी बीपी बोहरा ने एक प्रार्थना पत्र पेश किया है। जिसमें उन्होंने आरोपितों से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग की है। इस प्रार्थना पत्र पर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान वाड्रा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनका पक्ष रखेंगे। वहीं, ईडी की ओर से एएसी राजदीपक रस्तोगी तथा भानु प्रताप बोहरा पक्ष रखेंगे।

बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में जमीन खरीद से जुड़ा है मामला

रोबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट प्राइवेट हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड ने 2012 में बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में कुछ दलालों के जरिए 270 बीघा जमीन 79 लाख रुपये में खरीदी। बीकानेर में भारतीय सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए जमीन आवंटित की गई थी। यहां से विस्थापित हुए लोगों के लिए दूसरी जगह पर 1400 बीघा जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने इस जमीन के फर्जी कागजात तैयार करवाकर वाड्रा की कंपनी को बेच दिए। जबकि सेना से सम्बंधित इस क्षेत्र की जमीन को बेचा नहीं जा सकता था।

इन लोगों के माध्यम से ही वाड्रा ने क्षेत्र के कुछ गांवों में और जमीन खरीदने का प्रयास किया, लेकिन मामला आगे बढ़ नहीं पाया। फर्जी तरीके से जमीन के बेचने का मामला उजागर होने से पहले वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को पांच करोड़ रुपये में बेच दिया। मनी लांड्रिंग से जुड़े इस मामले की ईडी ने जांच शुरू की थी। ईडी की पूछताछ से बचने के लिए वाड्रा लंबे अरसे से प्रयास करते रहे। हाईकोर्ट ने वाड्रा को ईडी के समक्ष पेश होने के आदेश भी दिए थे। जिसके बाद वाड्रा जयपुर में ईडी के समक्ष पेश भी हुए थे। ईडी की सख्ती पर वाड्रा ने राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में अपील की। 


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