पेंशन नहीं मिलने पर सेवानिवृत रोडवेज कर्मचारी ने ट्रेन के आगे छलांग लगाई
पेंशन का लाभ नहीं मिलने से परेशान एक सेवानिवृत्त रोडवेज कर्मचारी वीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में रोडवेज कर्मचारियों का आंदोलन उग्र होतर जा रहा है। वहीं, सरकार पैसा नहीं होने की बात कहते हुए कर्मचारियों से बातचीत करने को तैयार नहीं है। इस बीच, पेंशन का लाभ नहीं मिलने से परेशान एक सेवानिवृत्त रोडवेज कर्मचारी वीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। वीरेंद्र सिंह पिछले साल सेवानिवृत हुआ था, लेकिन उसे ना तो पेंशन मिली और ना ही अन्य परिलाभ मिले। पेंशन के लिए वह कई महीनों से अधिकारियों के चक्कर लगा रहा था। घर खर्च चलाने के लिए उसने कर्ज भी ले रखा था। वीरेंद्र सिंह कई दिनों से मानसिक रूप से परेशान था, आखिरकार मंगलवार को उसने जयपुर में सिविल लाइन रेलवे फाटक के निकट छलांग लगा दी। ट्रेन की चपेट में आने से वीरेंद्र सिंह की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची अशोक नगर थाना पुलिस की टीम ने मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए कांवटिया अस्पताल भेजा।
सेवानिवृत कर्मचारी द्वारा खुदकशी करने के बाद कर्मचारी भड़क गए और सड़कों पर उतर गए, हालांकि पुलिस ने उन्हे शांत किया। उधर, 7वें वेतन आयोग सहित अन्य मांगों को लेकर रोड़वेज कर्मचारियों का आंदोलन मंगलवार को 16वें दिन भी जारी रहा। पिछले 16 दिन से चल रहे आंदोलन के कारण रोडवेज की 4,700 बसें डिपो पर खड़ी है। रोडवेज बसों का संचालन नहीं होने से आम आदमी को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। निजी बस चालक मनमाना किराया वसूल कर रहे है। एटक के अध्यक्ष एमएल यादव का आरोप है कि सरकार की हठधर्मिता के कारण आंदोलन चल रहा है। सरकार प्राइवेट बस आॅपरेटर्स को लाभ पह़ुंचाने के लिए रोडवेज कर्मचारियों का आंदोलन समाप्त नहीं कराना चाहती। उधर, प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने आरोप लगाया कि सेवानिवृत कर्मचारी को सरकार की लापरवाही के चलते जान देनी पड़ी।