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Rajasthan: जन आधार कार्ड में राशन कार्ड की अनिवार्यता समाप्त

Rajasthan जन आधार कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड की अनिवार्यता को राजस्थान सरकार ने समाप्त किया है। अगर जन आधार कार्ड बनवाने वाले व्यक्ति के पास राशन कार्ड नहीं है तो भी उसका आवेदन निरस्त नहीं किया जाएगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 07:03 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 07:03 PM (IST)
Rajasthan: जन आधार कार्ड में राशन कार्ड की अनिवार्यता समाप्त
जन आधार कार्ड में राशन कार्ड की अनिवार्यता समाप्त। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान सरकार ने जन आधार कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड की अनिवार्यता को समाप्त किया है। अगर जन आधार कार्ड बनवाने वाले व्यक्ति के पास राशन कार्ड नहीं है तो भी उसका आवेदन निरस्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में राजस्थान जन आधार प्राधिकरण ने जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं। दरअसल, पिछले कुछ समय से सरकार तक शिकायत पहुंच रही थी कि जन आधार कार्ड के आवेदन के दौरान राशन कार्ड की प्रति संलग्न नहीं करने पर आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं। आवेदन निरस्त होने के कारण आवेदक को मुख्यमंत्री चिंरजीवी योजना सहित अन्य अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। विधायकों ने भी मुख्यमंत्री से इस संबंध में बात की थी।

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प्राधिकरण के आदेश के अनुसार, परिवार के मुखिया के बैंक खाते का विवरण, मुखिया के आधार कार्ड की प्रति, परिवार के सभी सदस्यों की फोटो आवेदन के साथ लगानी जरूरी होगी। इन शर्तों को पूरा करने पर आवेदन निरस्त नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि देश में जिस तरह यूनिक आईडी की तरह प्रत्येक व्यक्ति का आधार कार्ड होता है। ठीक उसी तरह राजस्थान सरकार ने यहां के मूल निवासियों या 10 साल से ज्यादा समय से रहने वाले परिवारों के लिए राज्य की यूनिक आईडी है। यह कार्ड व्यक्तिगत नहीं बनकर पूरे परिवार का एक साथ बनता है। इसी कार्ड के माध्यम से जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ राज्य के लोगों को मिलता है। पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान इसे भामाशाह कार्ड के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में अशोक गहलोत सरकार ने इसका नाम बदलकर जन आधार कार्ड कर दिया। 

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ठप होने का असर हाथी पालकों को भी हो रहा है। जयपुर में हाथी की सवारी पर्यटकोें में काफी लोकप्रिय रहती है। पिछले कुछ समय से हाथी की सवारी बंद होने के कारण इनके पालकों व महावतों की गंभीर आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में राजस्थान सरकार ने हाथियों के भरण-पोषण के लिए 1500 रुपये प्रतिदिन की दर से पालकों को देने का निर्णय लिया गया है। यह सहायता राशि 17 अप्रैल से 31 मई, 2021 की अवधि के लिए ही देय होगी।


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