राजस्थान के अस्पतालों में मुस्लिम कर्मचारियों की सूची बनाए जाने को लेकर बवाल
राजस्थान सरकार ने प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक में कार्यरत मुस्लिम कर्मचारियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं ।
जयपुर, [जागरण संवाददाता]। राजस्थान सरकार ने प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक में कार्यरत मुस्लिम कर्मचारियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं । सरकार के इस निर्देश के बाद प्रदेश में बवाल मच गया। कांग्रेस के साथ ही विभिन्न संगठनों ने सरकार द्वारा केवल मुस्लिम कर्मचारियों की सूची बनाए जाने पर आपत्ति जताई है।
हालांकि बवाल बढ़ने के बाद प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने साफ कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस बारे में मिले निर्देशों की पालना में मुस्लिम कर्मचारियों की गिनती कर सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए है ।
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक बी.एल.सैनी ने 9 दिसम्बर को सभी जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को परिपत्र भेजकर मुस्लिम कर्मचारियों की गिनती कर सूची बनाने के निर्देश जारी किए है । परिपत्र में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों में कार्यरत लैब टेक्निशियन,नर्सिंग स्टाफ,रेडियोग्राफर और क्लर्क के पदों पर कार्यरत मुस्लिम कर्मचारियों की सूची दिसम्बर माह के अंत तक मुख्यालय में भेजने के निर्देश दिए गए हैं ।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा का कहना है कि केवल मुस्लिम कर्मचारियों की गिनती किस कारण से की जा रही है,यह बात समझ से परे है । सरकार ने मुसलमानों सहित अन्य जरूरतमंदों के लिए अभी तक किया तो कुछ नहीं,अब इस तरह की सूची तैयार कराने से लोगों में गलत संदेश जाएगा । वहीं अल्पसंख्यक कल्याण संघ के अध्यक्ष रज्जाक भाटी ने भी इस तरह की सूची बनाए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सभी कर्मचारियों की सूची बनवाई जाए,इसमें से साफ हो जाएगा कि कितने लोग किस वर्ग के हैं । एक ओर जहां केवल मुस्लिम कर्मचारियों की गिनती को लेकर बवाल मचा है । वहीं राज्य के प्रमुख चिकित्सा सचिव वीनू गुप्ता का कहना है कि संभवतया केन्द्र सरकार ने यह रिकॉर्ड सच्चर कमेटी की सिफारिशों की पालना के तहत मंगवाई होगी । उल्लेखनीय अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए सुझाव देने को लेकर मनमोहन सिंह सरकार ने सच्चर कमेटी का गठन किया था ।