Move to Jagran APP

Child Marriage: राजस्थान में बाल विवाह का भी कराना होगा रजिस्ट्रेशन

Child Marriage बाल विवाह के मामले में लड़का या लड़की के माता-पिता रजिस्ट्रेशन अधिकारी को तय विवरण देकर सूचित करेंगे। इसके आधार पर रजिस्ट्रेशन अधिकारी उस बाल विवाह को रजिस्टर्ड करेगा। राज्य में विवाहों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन एक्ट की धारा आठ में इसका प्रावधान किया गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 05:56 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 05:56 PM (IST)
Child Marriage: राजस्थान में बाल विवाह का भी कराना होगा रजिस्ट्रेशन
राजस्थान में बाल विवाह का भी कराना रजिस्ट्रेशन होगा, लेकिन वैध नहीं माना जाएगा। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में शादियों के रजिस्ट्रेशन से जुड़े कानून के तहत अब बाल विवाह का भी रजिस्ट्रेशन होगा। राज्य विधानसभा में शुक्रवार को बहस के बाद राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन संशोधित विधेयक पारित किया गया है। विधेयक में प्रावधान है कि यदि शादी के वक्त लड़की की उम्र 18 साल से कम और लड़के की उम्र 21 साल से कम है तो माता-पिता को 30 दिन के भीतर इसकी सूचना रजिस्ट्रेशन अधिकारी को देनी होगी। बाल विवाह के मामले में लड़का या लड़की के माता-पिता रजिस्ट्रेशन अधिकारी को तय विवरण देकर सूचित करेंगे। इसके आधार पर रजिस्ट्रेशन अधिकारी बाल विवाह को रजिस्टर्ड करेगा। राज्य में विवाहों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन एक्ट की धारा आठ में इसका प्रावधान किया गया है।

loksabha election banner

विधानसभा में विपक्ष के विधायकों ने कहा कि जब बाल विवाह अवैध ही रहेगा तो रजिस्ट्रेशन की जरूरत और विधेयक लाने का क्या मकसद है। नाराज भाजपा विधायकों ने सदन से वाकआउट किया। उधर, शून्यकाल के दौरान भाजपा ने जमीन जिहाद का मुद्दा उठाया। भाजपा विधायक कन्हैया लाल ने कहा टोंक जिले के मालपुरा में एक वर्ग विशेष के लोगों ने जमीन जिहाद चला रखा है। इसके तहत पहले जरूरतमंद हिंदुओं की जमीन महंगे दामों में खरीदी जाती है और फिर आसपास के लोगों परेशान किया जाता है। मालपुरा में जमीन जिहाद के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। समुदाय विशेष के लोग हिंदू परिवारों को प्रताड़ित कर रहे हैं। 600 से ज्यादा परिवारों का पलायन हो चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए, नहीं तो हालात विस्फोटक हो जाएंगे।

बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन का मतलब वैधता नहींः शांति धारीवाल

बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन पर विपक्ष के विधायकों ने सवाल उठाते हुए विधेयक को वापस लेने की मांग की। विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन का मतलब उन्हे वैधता देना नहीं है। बाल विवाह करने वालों के खिलाफ उसका रजिस्ट्रेशन करने के बाद भी कार्रवाई होगी। हालांकि वह यह नहीं बता सके कि जब वैधता नहीं है तो ऐसा क्यों किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर लाया गया है।

धारीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साल, 2006 में सीमा बनाम अश्विनी कुमार के मामले में फैसला देते हुए निर्देश दिए थे कि सभी तरह के विवाहों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि किसी नाबालिग की शादी हुई है तो भी बालिग होते ही उसे रद करने का अधिकार होगा। पहले जिला स्तर पर रजिस्ट्रेशन अधिकारी होते थे, लेकिन अब ब्लाक स्तर पर नियुक्त किए जाएंगे। भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि रजिस्ट्रेशन करना उसे वैध मानने जैसा ही है। भाजपा विधायकों ने मतदान कराने की मांग की, लेकिन सभापति ने इस पर ध्यान नहीं दिया। विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.