Udaipur Bird Festival: ‘एक्सप्लोरिंग बर्ड’ कार्यक्रम में देखी पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियां
दक्षिण राजस्थान में पक्षियों और पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत वागड़ नेचर क्लब सदस्यों द्वारा ‘एक्सप्लोरिंग बर्ड’ कार्यक्रम के तहत जिले के पांच जलाशयों पर वॉचिंग की गई
उदयपुर, जेएनएन। । दक्षिण राजस्थान में पक्षियों और पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत वागड़ नेचर क्लब सदस्यों द्वारा ‘एक्सप्लोरिंग बर्ड’ कार्यक्रम के तहत जिले के पांच जलाशयों पर बर्ड वॉचिंग की गई। इस दौरान इन जलाशयों पर कई दुर्लभ प्रजातियों की पक्षीप्रजातियों को देखा और इनके बारे में जानकारी संकलित की।
कार्यक्रम के तहत वागड़ नेचर क्लब की पक्षी विशेषज्ञ प्रीति मुर्डिया, डॉ. कमलेश शर्मा और विनय दवे के नेतृत्व में एक दल ने जिले के भटेवर तालाब, जोरजी का खेड़ा, रूंडेडा तथा मेनार के दोनों जलाशयों पर बर्डवॉचिंग की। इस दौरान यहां पर स्थानीय और प्रवासी परिंदों की कई दुर्लभ प्रजातियों को देखकर खुशी जताई गई। सदस्यों ने इन जलाशयों पर मेहमान पक्षियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति को देखा तथा इसके बारे में जानकारी संकलित की गई। इस दौरान यहां पर रेड क्रस्टेड पोचार्ड, मार्श हेरियर, ईगल आउल, रोजी पेलिकन व डॉल्मेशियन पेलिकन, कॉमन क्रेन, बार हेडेड गूज़, ग्रे लेग गूज़, विस्कर्ड टर्न, फ्लेमिंगो, शॉवलर, कॉमन पोचार्ड, कॉमन टील, यूरेशियन विजऩ, रडीशॅलडक, गोडविट, रफ के साथ ही सुंदर पक्षी ग्रेट क्रस्टेड ग्रीब्स को देखा।
दक्षिण राजस्थान में पक्षियों और पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत वागड़ नेचर क्लब सदस्यों द्वारा ‘एक्सप्लोरिंग बर्ड’ कार्यक्रम के तहत जिले के पांच जलाशयों पर बर्ड वॉचिंग की गई। इस दौरान इन जलाशयों पर कई दुर्लभ प्रजातियों की पक्षीप्रजातियों को देखा और इनके बारे में जानकारी संकलित की। इसके साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजातियों के हजारों पक्षियों की उपस्थिति ने दल सदस्यों को अभिभूत कर दिया। क्लब सदस्य प्रीति मुर्डिया ने कहा कि मेवाड़ के जलाशय अपेक्षाकृत प्रदूषणमुक्त हैं और इस कारण से यहां की आबोहवा पक्षियों को रास आ रही है। उन्होंने जलाशयों के संरक्षण के लिए मेनार के ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के प्रयास अन्य समस्त जलाशयों के लिए भी किए जाने की आवश्यकता है तभी इस प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा सकता है।
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