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Rajasthan: दौराई मे आग के दहकते हुए अंगारों पर चलकर मनाया मातम

कार्यक्रम के अंत में अकीदतमंदों को लंगर तकसीम किया गया। कार्यक्रम का आयोजन अंजूमने शहीदाने फुरात अंजूमने जाफरिया विकास समिति व अंजूमने फाताहे फुरात के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस मौके हजारों की संख्या मे अकीदतमंद मौजूद थे।

By Jagran NewsEdited By: Vinay Kumar TiwariPublished: Wed, 05 Oct 2022 07:53 PM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 07:53 PM (IST)
जिसे मौलाना आबिद हुसैन साहब ने खिताब फरमाया।

अजमेर, जेएनएन। निकटवर्ती ग्राम दौराई में बुधवार को शिया समुदाय के लोगों ने नवासा-ए-रसूल की याद में अलविदाई मातम मनाया। मातम के दौरान अकीदतमंद इमाम हुसैन की याद में दहकते हुए अंगारों पर चले और जंजीर,कमा, ब्लेड से खूनी मातम किया। कार्यक्रम की पहली मजलिस सुबह आठ बजे दरगाह हजरत अब्बास पर शुरु हुई। जिसे मौलाना आबिद हुसैन साहब ने खिताब फरमाया। इसके बाद बनी असद का मंजर पेश किया गया।

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दूसरी मजलिस रोजा ऐ ईमाम हुसैन (अन्दर वाली मस्जिद) में सुबह 10 बजे शुरु हुई, मौलाना गजन्फर अब्बास साहब की तकरीर के बाद शबीहे ताबूत 18 बनी हाशिम की जियारत करवाई गई। हुसैनिया बाबुल मुराद में मौलाना मेहंदी जैदी साहब कि तकरीर के बाद अंतिम मजलिस में कर्बला से मदीने के सफर का मंजर पेश करते हुए अमारी का जूलूस निकाला गया।

शाम 5 बजे सैकड़ों की संख्या में बच्चे, बड़े, बुजुर्गों ने नवासा-ए-रसूल की याद में दहकते हुए अंगारों पर चलकर मातम किया। इसके बाद जंजीर, कमा, ब्लैड से शरीर को लहुलुहान करते हुए खिराजे अकीदत पेश की गई। कार्यक्रम के अंत में अकीदतमंदों को लंगर तकसीम किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन अंजूमने शहीदाने फुरात, अंजूमने जाफरिया विकास समिति व अंजूमने फाताहे फुरात के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस मौके हजारों की संख्या मे अकीदतमंद मौजूद थे।

जश्ने ईद-ए-जेहरा मनाया

देर रात 8 बजे ग्राम स्थित हुसैनीया मशहदी मस्जिद मे अन्जूमने जाफरया विकास समिति के तत्वावधान में जश्ने ईद-ए-जेहरा का कार्यक्रम शुरु हुआ। दूर दराज से आए जाने माने शायरों ने अपने कलाम पेश किए।

शिया समुदाय में लौटी खुशियां

अय्यामे अजा के दौरान 72 दिनों तक समुदाय में गम के माहौल के बाद गुरुवार को खुशीयों का दौर शुरू होगा। अन्जुमन जाफरया के सचिव सैय्यद आसिफ अली ने बताया कि मोहर्रम में सभी खुशीयों के कार्य निषेध होते हैं। रविवार से समाज के सभी खुशनुमा कार्यो का दौर शुरू हो जाएगा। इस दौरान समुदाय के लोगों ने नए कपड़े पहनकर विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर एक दूसरे को मुबारकबाद देंगे।


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