Move to Jagran APP

साल 2022 तक राजस्थान रिफाइनरी का काम तय समय पर पूरा होना मुश्किल

43 हजार 219 करोड़ रुपये की लागत से साल 2022 तक राजस्थान में बाड़मेर जिले के पचपदरा में बन कर तैयार होने वाली रिफाइनरी का काम तय समय पर पूरा होता मुश्किल नजर आ रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 03:17 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 03:17 PM (IST)
साल 2022 तक राजस्थान रिफाइनरी का काम तय समय पर पूरा होना मुश्किल
साल 2022 तक राजस्थान रिफाइनरी का काम तय समय पर पूरा होना मुश्किल

जयपुर, जागरण संवाददाता। 43 हजार 219 करोड़ रुपये की लागत से साल 2022 तक राजस्थान में बाड़मेर जिले के पचपदरा में बन कर तैयार होने वाली रिफाइनरी का काम तय समय पर पूरा होता मुश्किल नजर आ रहा है। दो साल पूर्व हुए रिफाइनरी के शुभारंभ के बावजूद अब तक मात्र 5 फीसदी काम ही पूरा हो सका है। रिफाइनरी बनकर तैयार होने में अब तक 95 फीसदी काम होना शेष है।

loksabha election banner

राज्य सरकार और एचपीसीएल के अधिकारी अब खुद मानने लगे हैं कि तीन साल में 95 फीसदी काम पूरा होना मुश्किल है। रिफाइनरी स्थापित करने को लेकर अब तक 131 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी का समतलीकरण, 31 किलोमीटर क्षेत्र में चारदीवारी बनाने का काम पूरा किया जा चुका है। इसके साथ ही करीब 27 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा चुका है।

करीब 15 किलोमीटर पानी की पाइप लाइन बिछाने और एक लाख क्यूबिक लीटर क्षमता के रिजर्ववाटर स्टोरेज टैंक का निर्माण हो चुका है। 9 मिलियन टन की क्षमता वाली रिफाइनरी को 9 भागों में बांटा जा रहा है। एचपीसीएल अधिकारियों के अनुसार जिस रफ्तार से अब तक काम हुआ है, उसको देखते हुए तय समय पर काम पूरा होना संभव नहीं है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएनएल लगाएगा मोबाइल टावर

भाजपा-पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को बीएसएनएल मोबाइल नेटवर्क की सुविधा देने जा रहा है। बीएसएनएल सीमावर्ती क्षेत्रों में शीघ्र ही नए मोबाइल टावर लगाएगा। वर्तमान में सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात बीएसएफ के जवानों को मोबाइल नेटवर्क के अभाव में अपने परिजनों से बात करने में काफी मुश्किल होती है। बीएसएनएल के इस निर्णय से सबसे अधिक फायदा जैसलमेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर जिलों से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों को होगा।

बीएसएनएल के जैसलमेर रमेशचंद्र व्यास ने बताया कि बीएसएफ के अधिकारियों से ऐसे स्थान चिन्हित करने के लिए कहा गया जहां उन्हे सुविधा हो और सुरक्षा के लिहाज से ठीक हो, वहां मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सीमा पर तैनात जवानों को अपने परिजनों से बात करने में काफी दिक्कत होती है, इसी को ध्यान में रखते हुए बीएसएनएल ने बीएसएफ के अधिकारियों के साथ चर्चा की है। बीएसएफ अधिकारियों द्वारा बताए गए स्थानों पर मोबाइल टावर लगाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि जब तक मोबाइल टावर नहीं लगते है तब तक वैकल्पिक तौर पर बीएसएनएल की विंग सर्विस से जवानों को अपने परिवारजनों से बातचीत करने की सुविधा दिलाई जा सकती है। विंग सर्विस के तहत किसी भी नेटवर्क के वाइफाइ के जरिए सेवाएं उपलब्ध करवाई जाती है। इसमें एक वर्चुअल नंबर जारी किया जाएगा, जिससे किसी भी बेसिक अथवा मोबाइल नेटवर्क पर बातचीत की जा सकती है।

इस संबंध बीएसएफ के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है की जल्द ही विंग सेवा से संबंधित कार्रवाई पूरी करने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों के किसी एरिया में प्रयोग के तौर पर इसे शुरू किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि बॉर्डर पर सुरक्षा कारणों से संचार के साधनों में अत्यधिक सावधानी बरती जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.