Rajasthan Politics: गहलोत सरकार के प्रमोटी प्रेम से नाखुश आईएएस अफसर
Rajasthan Politics गहलोत सरकार के प्रमोटी प्रेम से नाखुश आईएएस अफसर कुछ केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए बाकी कतार में
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के प्रमोटी अफसरों के प्रेम और अपनी पूछ नहीं होने नाखुश भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (आईएएस) लगातार केंद्र सरकार का रूख कर रहे हैं। गहलोत सरकार के रवैये से नाखुश से अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में जा रहे हैं। आधा दर्जन अधिकारी तो गहलोत सरकार के सत्ता संभालने के कुछ समय बाद ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर चले और वहीं कई अब जाना चाहते हैं।
दिल्ली केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले अधिकारियों की पीड़ा यह है कि गहलोत सरकार में डायरेक्ट आईएएस के बजाय प्रमोटी अफसरों को अधिक महत्व के पदों पर लगाया जाता है। इसके साथ ही अधिकारियों के बजाय विधायकों एवं कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों की सलाह को मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिक महत्व दिया जाता है। विधायकों व कांग्रेसी नेताओं के मनमाफिक काम नहीं करने पर या तो कम महत्व के पदों पर लगाया जाता है या फिर प्रताड़ित किया जाता है। प्रदेश की राजधानी जयपुर जैसे जिले में राज्य सेवा से आईएएस में प्रमोट हुए अंतर सिंह नेहरा को लगाए जाने से डायरेक्ट आईएएस बनने वालों में काफी नाराजगी है। आईएएस अधिकारियों ने अपनी नाराजगी कई बार मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाई, लेकिन उनकी आपत्ति दरकिनार कर दी गई
कुछ गए और कुछ जाने की कतार में
राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रजत कुमार मिश्रा गहलोत के सत्ता संभालने के साथ ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर चले गए। उनके बाद संजय मल्होत्रा, तन्मय कुमार और सांवरमल वर्मा भी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर चले गए। राजीव सिंह ठाकुर पहले से ही दिल्ली में है। अब प्रवीण गुप्ता,नरेशपाल गंगवार, कृष्ण कुणाल और विष्णु चरण मलिक ने भी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए सीएम गहलोत से अनुमति मांगी है। इनमें से प्रवीण गुप्ता को तो अनुमति मिल गई, शेष की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में लंबित है। आईएएस अधिकारी देवाशीष पुष्टि और रोहित गुप्ता स्टडी लीव पर विदेश चले गए।
अधिकारियों के दिल्ली की राह चुनने के कारण प्रदेश में 10 आईएएस अफसरों के पास एक से अधिक विभागों का अतिरिक्त चार्ज है। उल्लेखनीय है कि राज्य में आईएएस अधिकारियों का कैडर 313 का है। लेकिन वर्तमान में प्रदेश में 247 ही हैं। इनमें से भी एक दर्जन अधिकारी केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर चले गए और कुछ जाने की कतार में हैं।