Rajasthan Politics: राजस्थान में 2023 में कांग्रेस से लड़ने से पहले खुद आपस में लड़ रहे भाजपा के दिग्गज नेता
प्रदेश अध्यक्ष पूनिया समर्थकों ने उन्हे मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अभियान शुरू किया वसुंधरा समर्थक पहले ही जिला स्तर पर बना रहे अपनी टीम। साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन हो इसको लेकर नेता और उनके समर्थक आमने-सामने हैं।
जयपुर , नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान भाजपा में घमासान मचा हुआ है। साल, 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन हो इसको लेकर नेता और उनके समर्थक आमने-सामने हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके विरोधी नेता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया व उप नेता राजेंद्र राठौड़ के बीच पिछले दो साल से चल रहा विवाद सार्वजनिक होने लगा है। वसुंधरा विरोधी खेमे को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी समर्थन हासिल है।
इसी बीच पूर्वमंत्री और वरिष्ठ विधायक प्रताप सिंह सिंघवी का दावा है कि वसुंधरा राजे की प्रदेश की एकमात्र लोकप्रिय चेहरा है। वसुंधरा को 2023 में होेने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से पार्टी का चेहरा घोषित किया जाना चाहिए। सिंघवी का कहना है कि प्रदेश के नेताओं को चाहिए कि संगठन के कामकाज में वसुंधरा की राय को प्राथमिकता दे,उनकी सलाह से फैसले हों। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने वसुंधरा को चेहरा बनाए जाने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा का सिर्फ एक ही चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है । पूनिया ने कहा कि पार्टी से बड़ा कोई भी नहीं है।
उधर अब तक वसुंधरा समर्थकों द्वारा जिला स्तर पर भाजपा संगठन के समानान्तर वसुंधरा राजे समर्थक मंच की कार्यकारिणी गठित किए जाने को लेकर आलाकमान तक शिकायत पहुंचा रहे पूनिया अब खुद अपने ही दाव में फंसते नजर आ रहे हैं। रविवार को एक पत्र सार्वजनिक हुआ है जिसमें 2023 में पूनिया को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही गई है। पूनिया के समर्थकों द्वारा सतीश पूनिया समर्थक मोर्चा बनाया गया है। इस मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा व संयोजक विनीता चतुर्वेदी है। इस मोर्चा की ओर से एक परिपत्र जारी किया गया है, जिसमें 2023 में पूनिया सरकार बनाने की बात कही गई है। शर्मा व चतुर्वेदी ने पूनिया समर्थकों से लक्ष्य प्राप्ति के लिए समर्पण भाव से जिम्मेदारी का निर्वहन करने की अपील की है। हालांकि पूनिया ने सोशल मीडिया पर अपने नाम से वायरल हो रहे संगठन पर आश्चर्य जताते हुए कहा कियह शरारती तत्वों की हरकत हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमारे पास तो पार्टी संगठन का प्लेटफार्म है,फिर हमें अलग से समानान्तर संगठन बनाने की क्या जरूरत होगी। वसुंधरा इस मामले में कुछ भी अधिकारिक रूप से बोलने से बच रही है । उनके समर्थक अवश्य सक्रिय हैं।
आलाकमान तक पहुंचा मामला
वसुंधरा समर्थक विजय भारद्वाज द्वारा वसुंधरा समर्थक मंच बनाकर जिला स्तर पर टीम तैयार करने को लेकर पूनिया ने कटारिया व राठौड़ के साथ दिल्ली जाकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से शिकायत की है। सूत्रों के अनुसार पूनिया के अलावा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी वसुंधरा समर्थकों की कार्यप्रणाली का मुद्दा आलाकमान तक पहुंचाया है।
वहीं, वसुंधरा समर्थकों ने सतीश पूनिया को 2023 में मुख्यमंत्री बनाने को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र व जयपुर में लगे बैनर की जानकारी राष्ट्रीय नेतृत्व तक पहुंचाई है। पूर्व मंत्री सिंघवी के अतिरिक्त पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, युनूूस खान, लक्ष्मीनारायण दवे, भवानी सिंह राजावत सहित कई नेता वसुंधरा के पक्ष में लॉबिंग में जुटे हैं।