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राजस्थान के मंत्रियों ने दो साल से सार्वजनिक नहीं की संपति, देनदारियों का भी ब्यौरा नहीं दिया

मंत्री दावा कर रहे हैं कि वे अपनी संपत्ति का ब्यौरा दे चुके हैंअसली मुद्दा उसे सार्वजनिक करने का है। पिछली भाजपा सरकार किसी भी मंत्री ने पूरे पांच साल के कार्यकाल में अपनी संपति की सार्वजनिक घोषणा नहीं की थी। अब कांग्रेस को भी दो साल पूरे हो गए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 10:18 AM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 10:18 AM (IST)
राजस्थान के मंत्रियों ने दो साल से सार्वजनिक नहीं की संपति, देनदारियों का भी ब्यौरा नहीं दिया
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया।

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया। लेकिन अब तक किसी भी मंत्री ने अपनी संपति सार्वजनिक नहीं की है। सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री गहलोत ने मंत्रियों व अधिकारियों की संपति नियमित रूप से सार्वजनिक करने पर जोर दिया था। लेकिन अभी तक एक भी मंत्री की चल- अचल संपति व देनारी का ब्यौरा सामान्य प्रशासन विभाग तक नहीं पहुंचा है। इससे सरकार की पारदर्शिता के दावों पर सवाल खड़े होने लगे हैं। यूपीए सरकार के समय केंद्रीय मंत्रियों,राज्यों के मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आचार संहिता बनाई थी।

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इस आचार संहिता को राज्य में भी लागू किया गया था। इसमें पद संभालने के दो माह के भीतर और प्रतिवर्ष 31 अगस्त को मंत्रियों को अपनी संपति व देनदारियों का ब्यौरा सीएम को देना होता है। इसके बाद इसे सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक करना होता है। लेकिन अब तक किसी भी मंत्री की संपति वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं की गई है। इस बारे में जब मंत्रियों से बात करने का प्रयास किया गया तो अधिकांश ने टाल दिया।

जलदाय व उर्जा मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला ने कहा कि मैंने अपनी संपति व देनदारियों की जानकारी मुख्यमंत्री को भेज दी। अब सार्वजनिक करने का काम सामान्य प्रशासन विभाग का है। मंत्री दावा कर रहे हैं कि वे अपनी संपत्ति का ब्यौरा दे चुके हैं, लेकिन असली मुद्दा उसे सार्वजनिक करने का है।

उल्लेखनीय है कि पिछली भाजपा सरकार में किसी भी मंत्री ने पूरे पांच साल के कार्यकाल में अपनी संपति की सार्वजनिक घोषणा नहीं की थी। अब कांग्रेस सरकार को भी दो साल पूरे हो गए। मंत्रियों के लिए तय आचार संहिता में प्रावधान है कि पद संभालने के दो माह के भीतर उन्हे अपनी संपति व देनदारियों का ब्यौरा सार्वजनिक करना होगा। प्रति वर्ष 31 अगस्त तक संपति का ब्यौदा देना होगा। मंत्री ऐसा व्यापार नहीं कर सकेंगे, जिसमें सरकारी विभागों को सामान आपूर्ति की जाती हो,सरकार ठेके नहीं ले सकेंगे। मंत्री कीमती उपहार नहीं ले सकेंगे


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