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Coronavirus Effect: राजस्थान के मंत्रीे ने भरतपुर की सीमा पर कच्चे रास्ते जेसीबी से खोदने के निर्देश दिए

Rajasthan Coronavirus Effect राजस्थान के मंत्रीे ने भरतपुर की सीमा पर कच्चे रास्ते जेसीबी से खोदने के निर्देश दिए

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 12:26 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 12:26 PM (IST)
Coronavirus Effect: राजस्थान के मंत्रीे ने भरतपुर की सीमा पर कच्चे रास्ते जेसीबी से खोदने के निर्देश दिए
Coronavirus Effect: राजस्थान के मंत्रीे ने भरतपुर की सीमा पर कच्चे रास्ते जेसीबी से खोदने के निर्देश दिए

जयपुर, राज्य ब्यूरो।  Rajasthan Coronavirus Effect: राजस्थान में चिकित्सा व स्वास्थ्य राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने भरतपुर जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं जिले की सीमाओं को सख्ती से सील करें और जिले की सीमा पर स्थित कच्चे रास्तों में जेसीबी से गड्डे खुदवाकर आवाजाही पर पाबन्दी लगाएं। 

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राजस्थान का भरतपुर जिला उत्तर प्रदेश में आगरा से लगता हुआ जिला है और यहां कोरोना संक्रमण के काफी मामले सामने आ चुके है। चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग इसी जिले का प्रतिनिधित्व करते है। उन्होंने सोमवार को भरतपुर शहर के कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र एवं आगरा जिले की सीमाओं से लगे चैक पोस्टों का अवलोकन कर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीमाओं को सख्ती से सील करें ताकि कोई व्यक्ति आगरा की ओर से भरतपुर जिले में प्रवेश नहीं कर सके।

राजस्थान का भरतपुर जिला उत्तर प्रदेश में आगरा से लगता हुआ जिला है और यहां कोरोना संक्रमण के काफी मामले सामने आ चुके है। उन्होंने निर्देश दिये कि कर्फ्यू के दौरान आवाजाही पर सख्ती से पाबन्दी लगाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि उत्तर प्रदेश की ओर से आने वाले प्रत्येक वाहन की जांच कर उसकी जानकारी भी रजिस्टर में इन्द्राज कर संबंधित अधिकारी को उपलब्ध करावें। उन्होंने मेडिकल ग्राउण्ड के अलावा किसी भी व्यक्ति को भरतपुर जिले में प्रवेश नहीं करने के निर्देश देते हुये कहा कि कच्चे रास्तों में जेसीबी से गढढे खुदवा कर लोगों की आवाजाही रोकी जाए।

उन्होंने आगरा जिले से लगी भरतपुर जिले की सीमा नूरपुर, बाघई एवं कारौठ की सीमा चैकियों का भी अवलोकन किया और निर्देश दिये कि किसी भी स्थिति में बाहरी व्यक्तियों का जिले में प्रवेश नहीं हो। डॉ. गर्ग ने कहस कि यदि आगरा से दो संक्रमित व्यक्ति नहीं आते तो भरतपुर भीलवाडा मॉडल से अधिक सफल मॉडल के रूप में बन सकता था। उन्होंने कहा कि सभी कार्मिकों ने मिलकर 112 संक्रमित रोगियों में से 103 को निगेटिव कर उल्लेखनीय कार्य किया है।


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