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भारत-पाक सीमावर्ती गांवों में सुनी हुई चौपाल, शाम होते ही अपने-अपने घरों में पहुंच जाते ग्रामीण

पाक सीमा से सटे गांवों में खेतों के मालिक किसान अब खेती के साथ-साथ सीमा की सुरक्षा पर भी नजर रख रहे है। बीएसएफ और पुलिस के साथ इनका पूरा तालमेल है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 02:10 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 02:10 PM (IST)
भारत-पाक सीमावर्ती गांवों में सुनी हुई चौपाल, शाम होते ही अपने-अपने घरों में पहुंच जाते ग्रामीण
भारत-पाक सीमावर्ती गांवों में सुनी हुई चौपाल, शाम होते ही अपने-अपने घरों में पहुंच जाते ग्रामीण

जयपुर, जागरण संवाददाता। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव में एक तरफ जहां सेना और बीएसएफ के जवान सीमा की सुरक्षा कर रहे है,वहीं दूसरी तरफ राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में बिना वर्दी के पहरेदारों की आंखें भी देश की निगाहबान बनी हुई है। बिना वर्दी के पहरेदार बने हुए है पाक सीमा से सटे गांवों के ग्रामीण। अफवाहों से दूर ग्रामीणों की नजरें सतर्क है। इनकी नजर संदिग्ध लोगों और वस्तुओं पर होती है। पाक सीमा से सटे गांवों में खेतों के मालिक किसान अब खेती के साथ-साथ सीमा की सुरक्षा पर भी नजर रख रहे है। बीएसएफ और पुलिस के साथ इनका पूरा तालमेल है।

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सुरक्षा के लिहाज से एकत्रित नहीं हो रहे ग्रामीण

पाक सीमा से सटे राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के चक-22,पीटीडी खाटां,पीएस-38 और 39,पीएस-44,काकू एवं सिंहवाला जैसे कई सीमावर्ती गांवों से तारबंदी महज कुछ ही दूरी पर है। इन गांवों के ग्रामीण अच्छी तरह जानते है कि शाम 6 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हुए है। इस समय के दौरान रोशनी जलाने पर भी रोक है। ऐसे में ग्रामीण शाम होते ही अपने-अपने घरों में पहुंच जाते है,दिन ढलते ही गांवों की गलियां सूनी हो जाती है। यही हालत कुछ दिन पहले तक दिनभर रौनक का केंद्र रहने वाली गांव की चौपालों की है। ग्रामीण पर चौपालों पर एक साथ एकत्रित नहीं होते। बीएसएफ और पुलिस की हिदायत के बाद ग्रामीण अधिक संख्या में एकत्रित नहीं होते,बल्कि एक या दो मिलकर संदिग्धों पर नजर रखते है।

चक-22 पीटीडी निवासी नंदलाल,चक-38 निवासी भजन सिंह और चक-39 निवासी कुलविंद्र सिंह का कहना है कि हम सीमा के पास रह रहे है,इसलिए हमारी जिम्मेदारी सेना एवं बीएसएफ के जवानों की तरह ही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण संदिग्ध व्यक्ति अथवा वस्तु पर नजर रखते है और जैसे ही कोई संदिग्ध नजर आता है तुरंत पुलिस एवं बीएसएफ के अधिकारियों को सूचना देते है।

ग्रामीण अपनी शिकायतें लेकर ना तो इन दिनों पुलिस थानों में जा रहे है और ना ही रोजमर्रा के काम लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंच रहे है। ग्रामीणों का मानना है कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी इन दिनों देश की सुरक्षा में व्यस्त है। रायसिंहनगर के उपखंड अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि सीमा से सटे ग्रामीण प्रशासन,पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का पूरा सहयोग कर रहे है। 


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