Rajasthan: कोटड़ा की जेल में बंदी से मार-पीट कर तोड़ा हाथ, कैदी ने जेलर और प्रहरी पर लगाया आरोप
कोटड़ा थानाधिकारी का कहना है कि पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।मिरिया को आबकारी अधिनियम के तहत पिछले दिनों गिरफ्तार किया था वह न्यायिक हिरासत में कोटड़ा जेल में बंद था। उसके जेलर और प्रहरी पर लगाए गए आरोप की जांच की जा रही।
उदयपुर, संवाद सूत्र। जिले की आदिवासी बहुल उपखंड कोटड़ा की उप जेल में एक बंदी से मारपीट कर हाथ तोड़ने की शिकायत मिली है। उसने जेलर और एक प्रहरी पर मारपीट का आरोप लगाया है। इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी है।
मिली जानकारी के अनुसार घटना का खुलासा बंदी के रिहाई के समय हुआ, बुधवार देर रात उसे जेल से रिहा किया गया था। पीड़ित मिरिया पुत्र मोता गमार ने परिजनों को बताया था कि उसकी जेलर और एक प्रहरी ने बर्बरता से पिटाई की। मिरिया ने आरोप लगाया कि जेलर धर्मवीर रिहाई से पहले उससे दस हजार रुपए देने के लिए दबाव बना रहा था। जब उसने पैसे दिलाने से इनकार कर दिया तो जेलर ने प्रहरी पुष्पेन्द्र के साथ मिलकर उसकी लाठियों से बर्बरता से मारपीट की। जिससे उसका एक हाथ की हड्डी टूट गई, जबकि हाथ-पैर, गर्दन सहित शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई।
कोटड़ा थानाधिकारी पवन सिंह का कहना है कि पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। मिरिया को आबकारी अधिनियम के तहत पिछले दिनों गिरफ्तार किया था और वह न्यायिक हिरासत में कोटड़ा की जेल में बंद था। उसके जेलर और प्रहरी पर लगाए गए आरोप की जांच की जा रही है। पीड़ित का मेडिकल कराया गया है। उसके शरीर में चोट के निशान हैं।
इधर, जेलर धर्मवीर का कहना है कि वह अभी तक मिरिया नामक बंदी से नहीं मिली। उन्हें तो यह भी नहीं पता कि उसे किसने जेल में रिसिव किया। इस मामले में उनका नाम जबरन घसीटा जा रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दी आंदोलन की चेतावनी
बंदी मिरिया के साथ जेल में कथित मारपीट के मामले में कोटड़ा के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आंदोलन की चेतावनी दी है। एडवोकेट हिम्मत तावड़, एडवोकेट राजेंद्रसिंह, रूपलाल खेर, सवजीराम, पूर्व सरपंच भोजाराम सहित कई लोगों इस मामले में कार्रवाई नहीं होने पर रैली और धरना-प्रर्दशन की चेतावनी भी दी।