Lockdown: फीस जमा नहीं कराने पर किसी बच्चे का नाम नहीं काटा जाएः राजस्थान हाईकोर्ट
Lockdown. राजस्थान कोर्ट ने कहा कि फीस जमा नहीं कराने पर किसी बच्चे का नाम नहीं काटा जाए।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Lockdown. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों की तीन माह की फीस माफ करने से इन्कार कर दिया है। फीस माफ करने को लेकर जस्टिस सबीना की खंडपीठ ने राजीव भूषण बंसल की जनहित याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। हालांकि कोर्ट ने कहा कि फीस जमा नहीं कराने पर किसी बच्चे का नाम नहीं काटा जाए। प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन और आमजन के आर्थिक संकट के दौर से गुजरने के कारण निजी स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों से तीन महीने की फीस नहीं लेने के संबंध में हाईकोर्ट में आठ अप्रैल को जनहित याचिका दायर की गई थी।
वकील राजीव भूषण बंसल की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए देश और प्रदेश में लॉकडाउन चल रहा है, जिससे काम धंधे ठप हो गए हैं। लोग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं और उनके पास आमदनी का कोई अन्य स्रोत भी नहीं है। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों की फीस देना आमजन के लिए संभव नहीं होगा। वर्तमान में प्राइवेट स्कूलों का संचालन भी बंद है और वहां पर भी कामकाज नहीं हो रहे हैं, इसलिए कोर्ट स्कूल संचालकों को निर्देश दे कि वे अभिभावकों की तीन महीने की फीस माफ कर दें।
याचिका में यह भी कहा गया था कि आगामी शैक्षणिक सत्र में भी स्कूल संचालक फीस में दस फीसद की बढ़ोतरी नहीं करें। स्कूलों को सैनिटाइजेशन करने सहित साफ-सफाई रखने और मास्क के संबंध में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएं।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने भी प्राइवेट स्कूलों को फीस फिलहाल नहीं लेने के लिए कहा है। फीस के अभिभावकों पर दबाव डालने वाली स्कूलों की मान्यता रद करने की बात सरकार ने कही है।
राजस्थान में कोरोना वायरस से ठीक हो कर डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या एक्टिव केस से ज्यादा हो गई है। राजस्थान में कोरोना वायरस के 66 नए मामले सामने आ गए हैं, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई है। राज्य में मरीजों की संख्या 4394 हो गई है और 122 लोगों की मौत हो गई है। 2575 लोग ठीक हो गए हैं और 1697 एक्टिव केस हैं।