Move to Jagran APP

Rajasthan : महिला आयोग में खाली पदों पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर राज्‍य सरकार से मांगा जवाब

2018 में कार्यकाल समाप्त होने के बाद से नियुक्ति नहीं। सुनवाई न होने से पीडि़त महिलाएं न्याय से वंचित हो रही। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सरकार को दे रखे निर्देश मगर महिला आयोग लगातार कर रही उपेक्षा। कोर्ट ने सुनवाई 21 सितम्बर तक मुल्तवी कर दी।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 05:13 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 05:13 PM (IST)
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खण्डपीठ ने सरकार से किया जवाब तलब।

 जासं, जोधपुर। राजस्थान महिला आयोग में गत दो वर्ष से अध्यक्ष और सदस्यों के पद खाली होने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। स्वयंसेवी संस्थान उत्थान ने इस बारे में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया था। जिस पर प्रारम्भिक सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खण्डपीठ ने 21 सितम्बर तक राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है।

loksabha election banner

2018 में कार्यकाल समाप्त होने के बाद से नियुक्ति नहीं

याचिकाकर्ता उत्थान संस्थान के अध्यक्ष सरवर खान का प्रतिनिधित्व करते हुए अधिवक्ता रजाक के. हैदर ने कोर्ट को बताया कि, राजस्थान राज्य महिला आयोग अधिनियम, 1999 के तहत गठित राजस्थान राज्य महिला आयोग में धारा 3(2) की अनुपालना में एक अध्यक्ष और सदस्य सचिव सहित चार से अधिक सदस्य होते हैं, लेकिन आयोग में अध्यक्ष का कार्यकाल 2018 में समाप्त होने के बाद से नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई है।

सुनवाई न होने से पीडि़त महिलाएं न्याय से वंचित हो रही

2019 में तीन सदस्यों के कार्यकाल भी समाप्त हो गए हैं। तब से अध्यक्ष और तीनों सदस्यों के पद रिक्त ही चल रहे हैं। जिससे आयोग का कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। जबकि वर्तमान में 5427 प्रकरण लम्बित हैं। महिला सम्बन्धी अपराधों में लगातार वृद्धि होने और राज्य महिला आयोग में महिलाओं की सुनवाई की व्यवस्था अस्थाई रूप से समाप्त होने से पीडि़त महिलाएं न्याय से वंचित हो रही हैं।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सरकार को दे रखे निर्देश

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी राज्य सरकार को राज्य महिला आयोग के रिक्त पद भरने के निर्देश दे रखे हैं, लेकिन सरकार महिला आयोग की लगातार उपेक्षा कर रही है। सुनवाई के बाद खण्डपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि आयोग में रिक्त पदों को भरने के सम्बन्ध में सरकार का पक्ष प्रस्तुत किया जाए। अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल कुमार गौड़ के सहयोगी सलमान आगा ने नोटिस स्वीकार करते हुए जवाब पेश करने की मोहलत मांगी। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई 21 सितम्बर तक मुल्तवी कर दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.