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Lockdown: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा, औपचारिकताओं के नाम पर श्रमिकों को क्यों परेशान किया जा रहा?

Lockdown राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार को बॉर्डर पर श्रमिकों की स्थिति के बारे में हलफनामा पेश करने का आदेश दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 05:43 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 05:43 PM (IST)
Lockdown: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा, औपचारिकताओं के नाम पर श्रमिकों को क्यों परेशान किया जा रहा?
Lockdown: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा, औपचारिकताओं के नाम पर श्रमिकों को क्यों परेशान किया जा रहा?

जोधपुर, संवाद सूत्र। Lockdown: राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को गहलोत सरकार से पूछा कि औपचारिकताओं के नाम पर श्रमिकों को क्यों परेशान किया जा रहा है? पैदल श्रमिकों को ई-पास और एनओसी की क्या आवश्यकता है? लॉकडाउन में प्रवासी लोगों को लाने और ले जाने को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार को बॉर्डर पर श्रमिकों की स्थिति के बारे में हलफनामा पेश करने का आदेश दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने लगातार लॉकडाउन में अपने घरों की ओर पैदल जा रहे श्रमिकों को परेशानी को देखते हुए सख्ती दिखाई है।

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हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में न्यायाधीश संगीत लोढ़ा की खंडपीठ में प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जहां राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश किया। मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी।

हरिसिंह राजपुरोहित की ओर से दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में न्यायाधीश संगीत लोढ़ा की खंडपीठ में सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि 13 मई तक 3 ट्रेन के माध्यम से तीन हजार प्रवासी राजस्थान पहुंचे है। ऐसी आठ और ट्रेनें 18 मई तक राजस्थान आएगी। याचिकाकर्ता के वकील मोती सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक 20.97 लाख प्रवासी लोग अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके है। इस रफ्तार से ये लोग कब अपने घर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना व तमिलनाडु में बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी है। उन्हें लाने के लिए अलग-अलग स्टेशनों से सुबह-शाम दो-दो ट्रेन चलाई जाए।

अपना पक्ष रखते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पैदल आ रहे लोगों को नाहक ही परेशान किया जा रहा है। ऐसे लोगों को राजस्थान की सीमा में प्रवेश करते ही बगैर किसी औपचारिकता के बसें लगाकर उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाना चाहिए। बस सेवा शुरू होनी थी, लेकिन अब तक नहीं हो पाई है। राज्य सरकार इन बसों का न्यूनतम किराया तय कर इनकी सेवा तत्काल शुरू करे।

हाईकोर्ट ने बॉर्डर पर प्रवासियों मौजूदा स्थिति को लेकर सरकार से सवाल किया है। इस संबंध में हल्फनामा पेश करने के आदेश दिए हैं। प्रवासी मजदूरों के घर लौटने से जुड़े इस मामले में सोमवार को फिर सुनवाई होगी।

सरकारी वकील ने कहा  

सरकारी वकील ने कहा- 13 मई तक राजस्थान आई हैं 3 ट्रेनें

इनमें 3000 श्रमिक लौटे हैं राजस्थान

18 मई तक 8 ट्रेनें और आएंगी

याचिकाकर्ता वकील का तर्क

अब तक 20 लाख 97 हजार प्रवासियों ने कराया है रजिस्ट्रेशन

ऐसे में कब पहुंचेंगे करीब 21 लाख प्रवासी अपने घर

इंटर स्टेट बसें भी सरकार ने अब तक नहीं चलाई है।

हाईकोर्ट ने पूछा

श्रमिकों के ई-पास और एनओसी की क्या जरूरत है।

औपचारिकताओं के नाम पर श्रमिकों को क्यों परेशान किया जा रहा है।

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