नदियों में प्रदूषण के मामले में राजस्थान सरकार एनजीटी को दो माह में देगी रिपोर्ट
पंजाब के विधायक सुखपाल सिंह ने एनजीटी में याचिका दाखिल की थी। इसके मुताबिक, सतलुज व व्यास नदियों में प्रदूषण की वजह से मछलियां मर रही हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की नदियों में प्रदूषण के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी ) के निर्णयों की कितनी पालना हुई है, इस बारे में राज्य सरकार को दो महीने में रिपोर्ट देना होगा। एनजीटी ने ऐसी रिपोर्ट हर राज्य से मांगी है। राज्य के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने नदियों में कम करने को लेकर बैठक ली। इसमें मामले से जुड़े तमाम विभागों के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करके एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसे दो महीने में कार्य पालना का रिपोर्ट देना होगा। कमेटी यह देखेगी कि एनजीटी के निर्णयों का कितना पालना हुआ और क्या बाकी है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब के विधायक सुखपाल सिंह ने एनजीटी में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि सतलुज और व्यास नदियों में प्रदूषण की वजह से मछलियां मर रही हैं। मरी हुई मछलियां अक्सर नदियों के तट पर बहती हुई दिखाई देती हैं। एनजीटी ने 31 जनवरी, 2018 को राजस्थान सरकार की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करते हुए 10 लाख का जुर्माना भी लगाया था।
याचिका में कहा गया था कि कुछ साल पहले तक जोजरी नदी में काफी पानी बहता था, लेकिन अब इसमें जोधपुर के उद्योगों का करीब 90 एमएलडी प्रदूषित पानी आने से यह एक गंदे नाले में तब्दील हो गया है। जोधपुर शहर के सीवरेज का पानी और प्रदूषित हानिकारक रसायन मिश्रित जल इसी नदी में आकर गिरता है। अलवर जिले के भिवाड़ी में प्रदूषण को लेकर भी एनजीटी राज्य सरकार को कई बार फटकार लगा चुकी है।