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Rajasthan: कांग्रेस नेता बोले, ओवैसी भाजपा की बी टीम

Rajasthan ओवैसी को भाजपा की टीम बताते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि वह बीजेपी के कहने पर काम करते हैं। ओवैसी को जैसा बीजेपी कहती है वैसा ही काम करते हैं। राजस्थान का मुस्लिम समाज कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 08:03 PM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 08:03 PM (IST)
आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की राजस्थान में बढ़ती सक्रियता और साल, 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी मैदान में उतारने की घोषणा ने कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि ओवैसी के चुनाव मैदान में उतरने से पार्टी को नुकसान होगा। एआइएमआइएम की सक्रियता से कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगने की संभावना है। ओवैसी को भाजपा की टीम बताते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि वह बीजेपी के कहने पर काम करते हैं। ओवैसी को जैसा बीजेपी कहती है, वैसा ही काम करते हैं। लेकिन राजस्थान का मुस्लिम समाज कांग्रेस के साथ है और आगे भी रहेगा। ओवैसी चाहे राज्य के कितने भी दौरे कर लें, लेकिन यहां से उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा।

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वहीं, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि औवसी को राजस्थान में सक्रिय होने के लिए भाजपा ने इशारा किया है। वह चोरी-छिपे दो बार राजस्थान आए, लेकिन उन्होंने यहां देख लिया कि ज्यादा समर्थन मिलने वाला नहीं है। राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश का मुस्लिम समाज जानता है कि ओवैसी भाजपा के इशारों पर काम करते हैं। जिस राज्य में भाजपा की स्थिति खराब होती है, वहां ओवैसी को भेज दिया जाता है। ओवैसी की भाजपा से मिलीभगत का सबको पता है।

गौरतलब है कि गोविंद सिंह डोटासरा और हरीश चौधरी के बीच असली विवाद का कारण कांग्रेस की आंतरिक सियासत है। दअसल, पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनते ही चौधरी ने एक व्यक्ति एक पद के नियम की पालन करने की बात कही थी। चौधरी ने सीएम और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष मंत्री पद छोड़ने की पेशकश की थी। चौधरी ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि जिन मंत्रियों के पास संगठन की भी जिम्मेदारी है, उन्हें एक पद छोड़ना चाहिए। चौधरी के इस बयान का असर डोटासरा और शर्मा पर होता नजर आ रहा है। डोटासरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। वहीं, शर्मा को पिछले माह गुजरात का प्रभारी बनाया गया है। ऐसे में इन दोनों पर मंत्री पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है। इन दोनों मंत्रियों का मानना है कि चौधरी की पहल के कारण उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा। नोकझोंक को लेकर जब हरीश चौधरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो मुद्दे मंत्रियों ने उठाए हैं। उनका समाधान किया जाएगा। इसे तकरार कहना गलत है।


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