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Farmers Protest: राजस्थान कांग्रेस ने जयपुर में कृषि कानूनों के खिलाफ राजभवन का किया घेराव

Farmers Protest सचिन पायलट ने कहा कि इस बार केंद्र सरकार ने गलती कर दी है। केंद्र सरकार ने किसानों यानी देश के अन्नदाता पर हमला बोला है। यह शर्म की बात है कि केंद्र सरकार के मंत्री और भाजपा नेता किसानों को नक्सलवादी आतंकी बता रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 06:45 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 06:45 PM (IST)
Farmers Protest: राजस्थान कांग्रेस ने जयपुर में कृषि कानूनों के खिलाफ राजभवन का किया घेराव
राजस्थान कांग्रेस ने जयपुर में कृषि कानूनों के खिलाफ राजभवन का किया घेराव। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। Farmers Protest: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ने शुक्रवार को कृषि कानूनों के खिलाफ राजभवन का घेराव किया। किसान आंदोलन के 51 दिन पूरे होने पर कांग्रेस ने अधिकार दिवस मनाया। इस दौरान उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई, जब यहां कुछ लोगों ने कांग्रेस विधायक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। चाकसू विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी की खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने उन पर काबू पाया। उनका आरोप था कि विधायक के कहने से चाकसू के 57 दूध संकलन केंद्र बंद कराए गए जो गलत है। राजभवन पर हुए विरोध प्रदर्शन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन को आना था, लेकिन दोनों नहीं आए।

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प्रदर्शन में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पहुंचे। इस मौके पर पायलट ने कहा कि इस बार केंद्र सरकार ने गलती कर दी है। केंद्र सरकार ने किसानों यानी देश के अन्नदाता पर हमला बोला है। यह शर्म की बात है कि केंद्र सरकार के मंत्री और भाजपा नेता किसानों को नक्सलवादी, आतंकी बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की बात को दरकिनार कर कृषि कानून बनाए गए जो गलत है। केंद्र सरकार यदि किसानों की बात नहीं सुनेगी तो उन्हे इलाज करना आता है। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव कुलदीप इंदौरा व तरूण कुमार ने भी संबोधित किया। नेताओं के भाषण खत्म होने के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र को तीनों कृषि कानून रद करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया।

अशोक गहलोत के नहीं आने की चर्चा रही

कार्यक्रम के दौरान सीएम अशोक गहलोत के नहीं आने की चर्चा रही। इस दौरान पायलट और उनके समर्थक हावी रहे। इस कारण सीएम ने अपने इंटेलिजेंस से मिली रिपोर्ट के आधार पर यहां पहुंचना ठीक नहीं समझा। वहीं, संदेश यह दिया गया कि राजभवन के घेराव का आयोजन था, इसलिए संवैधानिक दृष्टि से उनका पहुंचना उचित नहीं था। हालांकि पिछले साल पायलट खेमे की बगावत के दौरान खुद कांग्रेस विधायकों को लेकर राजभवन पहुंच गए थे। उस दौरान विधायकों ने राजभवन में काफी हंगामा किया। गहलोत ने राजयपाल तक को चेता दिया था कि यदि सदन आहूत नहीं किया गया तो प्रदेश की जनता राजभवन का घेराव कर सकती है।


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