अशोक गहलोत ने श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए पीएम मोदी को लिखा पत्र
Ashok Gehlot. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए पीेएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसी राजकीय उपक्रम के दिवालिया होने पर बंद होने की स्थिति में उसमें कार्यरत श्रमिकों तथा राज्य सरकार के हितों की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इसके लिए ‘इनसाॅल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016‘ में संशोधन करने का आग्रह किया है।
इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने इस कानून की विसंगतियों की ओर पीएम का ध्यान आकृष्ट करते हुए बताया कि इस कोड के प्रावधान मजदूरों एवं राज्य सरकार के हितों के विपरीत है, जबकि इसका उद्देश्य रूग्ण अथवा बंद उद्यमों का पुनःसंचालन करना और राज्य संपदा तथा कार्यरत श्रमिकों के हितों की रक्षा होना चाहिए। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस कानून के अनुसार, किसी उपक्रम के बंद होने की स्थिति में नियोजित कर्मचारियों और मजदूरों को केवल 24 महीने की देय राशि के भुगतान का प्रावधान है। इस नाममात्र के भुगतान से जीवनयापन के संकट से जूझने वाले कार्मिकों में असंतोष व्याप्त होता है तथा कई बार कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के हालात बन जाते है।
पत्र में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि किसी भी राजकीय उपक्रम में भूमि तथा भवन सहित राज्य सरकार की बहुमूल्य पूंजी लगी होती है, लेकिन इस कानून के तहत उपक्रम के बन्द होने पर राज्य सरकार को भुगतान को प्राथमिकता देने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कानून की गंभीर त्रुटि है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया कि वे उपरोक्त बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करते हुए इनसाॅल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 के प्रावधानों को संशोधित करें और राज्य की संपदा तथा कार्यरत श्रमिकों के हितों का संरक्षण सुनिश्चित करें। गहलोत ने कहा कि श्रमिकों के हितों से ही उनका उत्थान हो पाएगा और देश आगे बढ़ेगा।