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Rajasthan Politics: अशोक गहलोत बोले, अगर हालात मेरे नियंत्रण में होते तो मैं 40 साल विभिन्न पदों पर होता

Rajasthan Politics कांग्रेस अध्यक्ष व सीएम एक साथ होने पर अशोक गहलोत ने कहा कि मैं पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं कि अगर हालात मेरे नियंत्रण में होते तो मैं 40 साल विभिन्न पदों पर होता लेकिन बिना किसी पद के भी शांतिपूर्ण माहौल के साथ काम करूंगा।

By JagranEdited By: Sachin Kumar MishraPublished: Sun, 25 Sep 2022 05:01 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 05:01 PM (IST)
Rajasthan Politics: अशोक गहलोत बोले, अगर हालात मेरे नियंत्रण में होते तो मैं 40 साल विभिन्न पदों पर होता
अशोक गहलोत बोले, अगर हालात मेरे नियंत्रण में होते तो मैं 40 साल विभिन्न पदों पर होता। फोटो एएनआइ

जयपुर, एजेंसी। Rajasthan Politics: कांग्रेस अध्यक्ष और सीएम एक साथ होने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने रविवार को कहा कि मैं पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं कि अगर हालात मेरे नियंत्रण में होते तो मैं 40 साल विभिन्न पदों पर होता, लेकिन बिना किसी पद के भी शांतिपूर्ण माहौल के साथ काम करूंगा। जहां तक कांग्रेस अध्यक्ष पद का सवाल है, मैं 50 साल से राजनीति में हूं और 40 साल से विभिन्न पदों पर रहा हूं, अब एक व्यक्ति को और क्या उम्मीद करनी चाहिए, अब नई पीढ़ी को मौका मिलना चाहिए, ताकि हम मिलकर नेतृत्व प्रदान कर सकें। 

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इसलिए दोनों पदों पर बने रहना चाहते हैं अशोक गहलोत

गौरतलब है कि अशोक गहलोत सीएम के साथ पार्टी अध्यक्ष पर भी बने रहना चाहते हैं, मगर राहुल गांधी कह चुके हैं कि कांग्रेस में एक नेता एक पद के सिद्धांत को लागू किया जाएगा। इस वजह से अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बने तो उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ सकता है। राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अशोक गहलोत सीएम की कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते हैं। अशोग गहलोत यह कतई नहीं चाहते हैं कि उनके विरोधी सचिन पायलट को सीएम की कुर्सी मिले। सीएम के लिए अशोक गहलोत की पसंद सीपी जोशी और गोविंद सिंह डोटासरा हैं। वहीं, पायलट गुट चाहता है कि पायलट सीएम बनें। 

गहलोत गुट के कई विधायक चाहते हैं कि पायलट को मिले कमान

अशोक गहलोत का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय होने के साथ ही राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए सियासी दौड़ तेज हो गई है। गहलोत के उत्तराधिकारी के तौर पर सचिन पायलट की स्वाभाविक दावेदारी के बीच उनके समर्थक विधायकों की संख्या बढ़ने लगी है। गहलोत खेमे के भी कुछ विधायकों और मंत्रियों ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की पैरोकारी की है। गहलोत खेमे के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने तो सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह मुख्यमंत्री के रूप में पायलट को स्वीकार करने को तैयार हैं। पायलट के मुख्यमंत्री बनने की राह में सबसे बड़ी चुनौती अशोक गहलोत हैं और ऐसे में उनके कैंप के विधायकों व मंत्रियों का नरम स्वर स्वाभाविक रूप से पायलट के लिए राहत की बात है। चूंकि गहलोत ही कांग्रेस के अगले हाईकमान बनने वाले हैं, ऐसे में पायलट के लिए भी यही मुफीद है कि पुरानी रंजिशों को दफन कर नई शुरुआत की जाए।

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