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Coronavirus: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका पर चिंता जताई

Coronavirus सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा कि कई रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त के आखिर तक भारत में तीसरी लहर की शुरुआत हो जाएगी। राजस्थान में अभी स्थिति पूरी तरह काबू में है। सिर्फ 220 एक्टिव केस हैं। यह संख्या लगातार कम हो रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 09:46 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 09:46 PM (IST)
Coronavirus: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका पर चिंता जताई
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका पर चिंता जताई। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका पर चिंता जताई है। गहलोत ने बुधवार को ट्वीट में लिखा कि विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के फैसले की स्थिति को जांचने का वैज्ञानिक पैमाना रिप्रोडक्टिव फैक्टर है। आर फैक्टर से पता पता चलता है कि एक संक्रमित मरीज कितने अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। आर फैक्टर का एक से नीचे रहने पर वायरस का प्रसार धीमा माना जााता है। फिलहाल देश के आठ राज्यों में और केंद्र शासित प्रदेशों में यह यह आर फैक्टर 1.2 है। यह दिखाता है कि कोरोना की दूसरी लहर अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। बीते दिनों में देशभर में मामलों की संख्या बढ़ रही है, जो चिंता का विषय है।

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सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा कि कई रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त के आखिर तक भारत में तीसरी लहर की शुरुआत हो जाएगी। राजस्थान में अभी स्थिति पूरी तरह काबू में है। सिर्फ 220 एक्टिव केस हैं। यह संख्या लगातार कम हो रही है। यहां आर फैक्टर 0.5 फीसद है। राज्य में नए संक्रमितों की संख्या 10 ये 50 के बीच है, लेकिन कोरोना वायरस ने जिस तरह पश्चिमी देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस आदि देशों में पुन:रफ्तार पकड़ी है, उसे देखकर सावधानी बरतने की आवश्यक्ता है। अभी हमें सख्ती से कोविड प्रोटोकॉल की पालना कर तीसरी लहर को आने से रोकना है। राज्य में वर्तमान में 34,397 जांच हो रही है। अब जांचों की संख्या 35 हजार से ज्यादा करने पर विचार किया जा रहा है। 

गौरतलब है कि कोरोना प्रोटोकाल का पालन नहीं करने से केरल में महामारी बेकाबू हुई है। केंद्र की ओर से भेजी गई छह सदस्यीय टीम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। टीम का नेतृत्व नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल के निदेशक डा. एसके सिंह कर रहे थे। रिपोर्ट ने कोरोना प्रबंधन के कथित केरल माडल की पोल खोल दी है। केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के अनुसार केरल में न तो कांट्रैक्ट ट्रेसिंग हो रही है और न ही संक्रमित व्यक्तियों पर निगरानी की कोई प्रणाली है। केरल के मलप्पुरम जिले, जहां कोरोना के सबसे अधिक मामले आ रहे हैं, में एक संक्रमित व्यक्ति पर औसतन केवल 1.5 व्यक्तियों की कोरोना की जांच की जा रही है।


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