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12 साल पुराने एनकाउंटर मामले में राजस्थान के केबिनेट मंत्री बरी

कोर्ट ने राठौड़ को सरेंडर करने करने के निर्देश दिए थे। राठौड़ ने सरेड़र करने के बाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 10:54 AM (IST)Updated: Tue, 15 May 2018 11:23 AM (IST)
12 साल पुराने एनकाउंटर मामले में राजस्थान के केबिनेट मंत्री बरी
12 साल पुराने एनकाउंटर मामले में राजस्थान के केबिनेट मंत्री बरी

जयपुर, जागरण संवाददाता। करीब 12 साल पुराने राजस्थान के बहुचर्चित कथित दारा सिंह एनकाउंटर मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के ग्रामीण एवं विकास मंत्री राजेन्द्र राठौड़ को बरी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस इंदू मल्होत्रा ओर ए.के.गोयल की बैंच ने राठौड़ को बरी करने का फैसला सुनाया।

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इससे पहले दो महीन पहले 14 मार्च को इस प्रकरण में जयपुर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश जोशी ने अपना फैसला सुनाते हुए अन्य सभी आरोपितों को बरी कर दिया था। राजस्थान एसओजी ने 23 अक्टूबर,2006 को जयपुर में दारासिंह का एनकाउंटर किया गया था। दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी की ओर से इसे फर्जी बताते हुए हत्या करार दिया था।

सुशीला देवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी । इस पर 23 अप्रैल,2010 को सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इस मामले में तत्कालीन सार्वजनिक निर्माण मंत्री राजेन्द्र राठौड़,तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ए.के.जैन सहित 17 लोगों को आरोपितों की सूची में शामिल किया गया था। इसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू की और कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। इस मामले में साल,2011 में आईपीएस अधिकारी ए.के.जैन और ए.पोनूच्चामी सहित 14 पुिलस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।

पूरे मामले में अभियोजन पक्ष ने 94 गवाह,705 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए थे। वहीं बचाव पक्ष ने 463 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए थे। सीबीआई ने जांच में माना था कि राठौड़ के कहने पर पुिलस अधिकारियों ने फर्जी मुठभेड़ में दारासिंह को एनकाउंटर में मारा था। अप्रैल,2012 में राठौड़ को गिरफ्तार किया गया था,लेकिन 51 दिन तक जेल में बंद रहने के बाद जयपुर महानगर कोर्ट ने उन्हे आरोप मुक्त कर दिया था। कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सीबीआई और दारा सिंह की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका के बाद हाईकोर्ट ने राठौड़ को आरोप मुक्त करने का आदेश निरस्त कर दिया था।

कोर्ट ने राठौड़ को सरेंडर करने करने के निर्देश दिए थे। राठौड़ ने सरेड़र करने के बाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती  दी थी । सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी,तभी से यह मामला लंबित था,जिसमें सोमवार को राठौड़ को बरी कर दिया गया।  


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