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विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान भाजपा में बड़ा बदलाव, प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा

विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी राजस्थान भाजपा में बड़े घटनाक्रम के तहत प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 18 Apr 2018 04:23 PM (IST)Updated: Wed, 18 Apr 2018 05:48 PM (IST)
विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान भाजपा में बड़ा बदलाव, प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा
विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान भाजपा में बड़ा बदलाव, प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी राजस्थान भाजपा में बड़े घटनाक्रम के तहत प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। परनामी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को 16 अप्रैल को ही भेज दिया था,लेकिन अधिकारिक घोषणा बुधवार को की गई।

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इस्तीफ देने के तुरंत बाद अमित शाह ने परनामी को राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खास समर्थक परनामी पिछले 4 साल से अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे। करीब दो माह पूर्व सम्पन्न दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट के उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की करारी हार एवं स्थानीय निकाय एवं पंचायत राज संस्थाओं के उप चुनाव में भी पराजय के बाद परनामी का प्रदेश अध्यक्ष पद से हटना तय माना जा रहा था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों एवं भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को परनामी के कामकाज के तरीके पर आपत्ति थी।

परनामी की मुख्यमंत्री से अत्यधिक निकटता और संगठन पर कमजोर पकड़ के चलते कई बार उनके खिलाफ संगठन के नेताओं ने सार्वजनिक रूप से आवाज भी उठाई। सूत्रों के अनुसार संघ और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से मिले फीडबैक के बाद केन्द्रीय नेतृत्व ने पिछले सप्ताह ही परनामी को इस्तीफा देने के लिए कह दिया था। लेकिन फिर भी वे अपने पद पर बने रहने के जुगाड़ में जुटे रहे,हालांकि वे कामयाब नहीं हो सके। आखिरकार उन्हे इस्तीफा देना ही पड़ा। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेजे अपने इस्तीफ में परनामी ने कहा कि मैने भाजपा को संगठनात्मक दृष्टि से मजबूती प्रदान करने का कार्य किया। मेरी व्यक्तिगत व्यस्तता के कारण मै इस जिम्मेदारी को आगे निर्वहन नहीं कर पाऊंगा,अत:मेरा त्यागपत्र स्वीकार करें।

नये अध्यक्ष को लेकर केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल,सांसद ओम बिड़ला,विधायक सुरेन्द्र पारीक और पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे का नाम चर्चा में है। जानकारी के अनुसार केन्द्रीय नेतृत्व मेघवाल और बिड़ला में से किसी एक को अध्यक्ष बनाना चाहता है।इन दोनों नेताओं को संघ का भी समर्थन प्राप्त है।वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दवे और पारीक में से किसी एक को अध्यक्ष बनवाना चाहती है। मुख्यमंत्री ने पहले राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी का नाम भी आगे बढ़ाया था,लेकिन उन्हे समर्थन नहीं मिलता देख दवे और पारीक के लिए लॉबिंग में जुट गई।

इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों दिल्ली जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की थी । मेघवाल को अध्यक्ष बनाकर केन्द्रीय नेतृत्व दलित वोट बैँक को साधना चाहता है। बिड़ला के नाम पर विचार करने का मकसद नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद नाराज चल रहे महाजन वर्ग को खुश करने का प्रयास है। जानकारी के अनुसार नये प्रदेश अध्यक्ष का निर्णय अगले एक-दो दिन में हो जाएगा।इसके बाद चुनाव के लिहाज से अधिकांश जिला अध्यक्ष एवं प्रदेश पदाधिकारी भी बदले जाएंगे।

असंतुष्ट विधायक ने बताया अच्छा निर्णय

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के खिलाफ पिछले दो साल से सार्वजनिक रूप से मोर्चा खोल रहे भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने केन्द्रीय नेतृत्व को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा मांगना अच्छा निर्णय है। केन्द्रीय नेतृत्व को अब सरकार के बारे में भी सोचना चाहिए ।  


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