Move to Jagran APP

सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित दंपति से आज मिल सकते है राहुल गांधी

राजस्थान में अलवर दलित दंपति के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को पीड़ित दंपति से मुलाकात करने उनके घर जा सकते है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 04:32 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 04:32 PM (IST)
सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित दंपति से आज मिल सकते है राहुल गांधी
सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित दंपति से आज मिल सकते है राहुल गांधी

जयपुर, जागरण संवाददाता।  राजस्थान में अलवर जिले के थानागाजी में दलित दंपति के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है। एक तरफ जहां भाजपा और बसपा प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमलावर मुद्रा में है। वहीं कांग्रेस सत्ता और संगठन खुद के बचाव में जुटे है । इस मामले को लेकर थानागाजी से जयपुर और दिल्ली तक चल रही राजनीति के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को पीड़ित दंपति से मुलाकात करने उनके घर जा सकते है।

loksabha election banner

सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी पीड़ित दंपति के घर जाकर उनसे मुलाकात करने के साथ ही ग्रामीणों से भी बातचीत कर सकते है । उनके साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट रहेंगे । उधर पीड़ित दंपति का परिवार लगातार हो रही बदनामी से परेशान हो चला है और अब यहां से विस्थापित होना चाहता है । पीड़ित परिवार के लोगो ने सरकार से अपील की है कि पीड़ित दंपति को सरकारी नौकरी दें और उनको यहां से ऐसी जगह विस्थापित करवाया जाए जहां उनको कोई नहीं पहचान सके, जिससे वे अपना जीवन को शांति से जी सके । पीड़ित दंपति का परिवार राज्य के बाहर जाने को भी तैयार है ।

पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल

पीड़ित परिवार ने थानागाजी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए है । परिजनों का कहना है कि पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पीड़िता के पति को रात पर जबरन थाने में बैठाए रखा और आरोपितों की गिरफ्तारी के कोई प्रयास नहीं किए । यही नहीं पुलिस आरोपितों के ठिकाने पर बैठ कर पीड़ित पक्ष को भी वहीं बुलाती थी । परिजनों ने तत्कालीन थाना अधिकारी की आरोपितों से मिलीभगत होने का भी आरोप लगाया है । उधर पीड़िता ने पुलिस में दिए बयान में कहा कि सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद आरोपतों के हौसले इस कदर बढ़ गए थे कि उन्होंने 28 अप्रैल को पीड़िता के पति को फोन कर उसकी पत्नी को दोबारा उनके पास लाने के लिए दबाव बनाया था, इसके साथ ही 10 हजार रुपए की मांग भी की थी और रकम न देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी थी । पीड़िता की सास ने कहा की उन्हें तब शांति मिलेगी जब आरोपियों को फांसी मिलेगी, तब ही उन्हें असली न्याय मिल पाएगा । इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय लाल मीणा का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले थाना अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।  

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.