Alwar Mob Lynching: अलवर मॉब लिंचिंग के विरोध में प्रदर्शन, तीन दिन बाद हुआ रत्तीराम का पोस्टमार्टम
Alwar Mob Lynching. राजस्थान में अलवर मॉब लिंचिंग के विरोध में लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया।
जयपुर, जेएनएन। अलवर के टपूकडा में भीड की हिंसा के शिकार हरीश जाटव के पिता रत्तिराम जाटव की आत्महत्या के तीसरे दिन आखिर शव का पोस्टमार्टम हो गया। जिला कलक्टर ने सीधे पीड़ित परिवार तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संदेश पहुचाया और मौखिक समझौते के तहत ही धरना समाप्त करवा दिया।
इस मामले में पीड़ित परिवार और दलित समाज लापरवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने, आरोपितों को गिरफतार करने, हरीश की पत्नी को सरकारी नौकरी देने और पांच लाख रुपये मुआवजा देने की मांग कर रहा था। इसे लेकर शुक्रवार से ही धरना चल रहा था और गतिरोध बना हुआ था।
मीडिया से बातचीत में जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह ने बताया कि सरकार तक उनकी मांग को पहुंचाने और मामले की उच्च स्तरीय जांच का आश्वसन दिया गया है, हालांकि प्रशासन ने कोई लिखित समझौता नहीं किया है। प्रशासन पीड़ित परिवार को निजी कंपनी में नौकरी और सामाजिक संबल देने के लिए अपने स्तर पर सहयोग करेगा।
उल्लेखनीय है कि टपूकड़ा इलाके के झीवाना गांव निवासी रत्तिराम जाटव ने बेटे हरीश की उन्मादी भीड़ की हिंसा में मौत के बाद मामले में न्याय नहीं मिलने और पुलिस की कार्यशैली से परेशान होकर गत गुरुवार को आत्महत्या कर ली थी। इस पर पीड़ित परिवार और दलित समाज के लोग अपनी मांगों को लेकर टपूकड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर धरना दे रहे थे।
जानें, क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, अलवर जिले में झिवाना गांव निवासी हरीश जाटव गत 17 जुलाई को बाइक से फालसा गांव जा रहे थे। इस दौरान उनकी बाइक से टक्कर लगने पर एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसकी बाद में मौत हो गई। इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने हरीश जाटव को पकड़ लिया और उसके साथ जमकर मारपीट की। बुरी तरह जख्मी हरीश को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
नेत्रहीन पिता ने दी जान
उन्मादी हिंसा के शिकार हरीश को न्याय नहीं मिलने और कथित रूप से केस वापस लेने को लेकर मिल रही धमकियों के चलते उसके नेत्रहीन पिता रत्तीराम ने गुरुवार को जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इससे समाज के लोग टपूक़़डा में एकत्रित हो गए और आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने पर जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने की चेतावनी दी। इस दौरान उन्होंने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। ऐसे में समाज के लोगों के साथ शुक्रवार को जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिह और पुलिस अधीक्षक परीश देशमुख ने वार्ता की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। अनुसूचित जाति के लोगों का आक्रोश देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात की गई है।
मुकदमा वापस लेने का बनाया जा रहा था दबाव
रत्तीराम के परिजनों ने पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है । उन्होंने कहा कि पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं की, उलटा आरोपित पक्ष द्वारा रत्तीराम पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था। आरोपितों के प्रभाव के चलते इस मामले को पुलिस स़़डक दुर्घटना का रूप देने में जुटी थी। यही वजह थी रत्तीराम पुलिस के काम करने के तरीके से परेशान थे। इस कारण उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या की । परिजनों ने कहा कि जब तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती और हरीश की पत्नी को सरकारी नौकरी की घोषणा नहीं होती तब तक वह रत्तीराम के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे।
भाजपा ने की सीबीआई जांच की मांग
मामला चर्चा में आने के बाद बसपा और भाजपा के नेता सक्रिय हो गए। भाजपा ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। बसपा विधायक संदीप यादव ने कहा कि पार्टी के सभी छह विधायक इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। मुख्यमंत्री ने तलब की रिपोर्ट लोगों के आक्रोश की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है। अलवर के भिवाड़ी इलाके में उन्मादी हिंसा और अपराध की बढ़ती वारदात को देखते हुए सरकार ने भिवाड़ी में जिला पुलिस अधीक्षक का नया पद स्वीकृत करते हुए शुक्रवार को इस पद पर अमनदीप कपूर को नियुक्ति किया है।