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Rajasthan Politics: राजस्थान में भी तेज हुई सियासत, अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमा सक्रिय

Rajasthan Politics राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमों में सक्रियता बढ़ी है। दोनों खेमों के कुछ नेता दिल्ली गए हैं। स्वास्थ्य कारणों से गहलोत अपने सरकारी आवास में ही विश्राम कर रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 05:53 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 08:10 PM (IST)
अशोक गहलोत और सचिन पायलट की फाइल फोटो

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। पंजाब के साथ राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गईं हैं। रविवार सुबह से ही मंत्रियों और विधायकों में मुलाकातों का दौर शुरू हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमों में सक्रियता बढ़ी है। दोनों खेमों के कुछ नेता दिल्ली गए हैं। स्वास्थ्य कारणों से गहलोत अपने सरकारी आवास में ही विश्राम कर रहे हैं, लेकिन वह टेलीफोन के माध्यम से अपने विश्वस्तों और केंद्रीय नेताओं के संपर्क में हैं। पायलट पिछले तीन दिन से दिल्ली में हैं। सूत्रों के अनुसार, उनकी पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात हुई है। इसी बीच, शनिवार देर रात 12 बजे मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने दोपहर में एक ट्वीट में लिखा था कि मजबूत को मजबूर और मामूली को मगरूर किया जाए, बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए।

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यह ट्वीट अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस आलाकमान पर तंज माना गया। गहलोत के विरोधियों ने इस इसकी जानकारी आलाकमान तक पहुंचाते हुए तर्क दिया गया कि ट्वीट के माध्यम से पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को लेकर लिए गए फैसले अंगुली उठाई गई है। इसे गहलोत की भावना के रूप में भी जोड़ा जा रहा है। अप्रत्यक्ष रूप से ट्वीट में अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने पर सवाल उठाए गए हैं। बताया जा रहा है कि आलाकमान तक मामला पहुंचने के बाद शर्मा ने अपना इस्तीफा सीएम को भेज दिया। हालांकि सीएम ने इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।

अशोक गहलोत बोले, कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस के हित में काम करेंगे

अशोक गहलोत ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि मुझे उम्मीद है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे, जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो। हाईकमान को कई बार विधायकों व आमजन से मिले फीडबैक के आधार पर पार्टी हित में निर्णय करने पड़ते हैं। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष कई नेता, जो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में होते हैं, उनकी नाराजगी मोल लेकर ही सीएम का चयन करते हैं, लेकिन वहीं जब सीएम को बदलते वक्त हाईकमान के फैसले को गलत ठहराने लगते हैं। ऐसे वक्‍त में अपने अंदर की अंतर आत्‍मआत्‍मा की आवाज सुननी चाहिए। गहलोत ने लिखा कि मुझे उम्मीद है कैप्टन पार्टी के हित में काम करते रहेंगे।

अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों में सक्रियता बढ़ी

पंजाब कांग्रेस में पहले अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बारे में फैसला होने के बाद सचिन पायलट समर्थकों को उम्मीद है कि इस माह के अंत तक आलाकमान राजस्थान के मामले का भी निपटारा कर देगा। विधायक रामनिवास गावड़िया और वेदप्रकाश सोलंकी का कहना है कि उम्मीद है आलाकमान अब हमसे किया गया वादा पूरा करेगा। पायलट समर्थक विधायकों के दिल्ली पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। विधायकों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात का समय मांगा है। अजय माकन ने अपनी रिपोर्ट पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी है। वहीं, सीएम खेमे के मंत्री और विधायक इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि सोनिया गांधी ऐसा कोई फैसला नहीं करेंगी, जिससे गहलोत को राजनीतिक नुकसान हो। हालांकि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा सहित कई नेता केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष गहलोत के समर्थन में लाबिंग कर रहे हैं।


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