Coronavirus: राजस्थान में बाहर से आए लोगों को घरों में घुसने से रोका, विदेशी पुष्कर से रवाना
Coronavirus. प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने एक वीडियो जारी कर लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे पलायन नहीं करें।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Coronavirus. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को रोकने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन होते ही राजस्थान में लोगों का पलायन एक बड़ी समस्या बन गया है। फैक्ट्री और अन्य काम-धंधे बंद होने के बाद लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हुआ तो वे अपने गांवों में पलायन करने लगे। कई लोग तो ऐसे हैं, जो अपने छोटे-छोटे बच्चों को कंधे पर बिठाकर काफी दूर पैदल चल चुके, लेकिन अब तक उन्हें घर पहुंचने का कोई साधन नहीं मिला है। दूसरे राज्यों से भी मजदूर राजस्थान लौट रहे हैं। ऐसे में लॉकडाउन का मकसद पूरा होना मुश्किल लग रहा है। सरकार बाहर जाने वाले मजदूरों की जांच की खानापूर्ति कर रही है। वहीं, बाहर से आने वाले मजदूरों के हाथों में क्वारंटाइन की मुहर लगाकर उन्हें घर के नजदीक तक पहुंचाया जा रहा है।
उधर, प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने एक वीडियो जारी कर लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे पलायन नहीं करें, राज्य में उनके रहने, खाने और पीने का पूरा प्रबंध है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने लोगों के ठहरने की पूरी व्यवस्था की है, लोग जहां हैं, वहीं रुके रहें। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में सभी धैर्य बनाए रखें, घबराएं नहीं। मीडिया में लोगों को पैदल और ट्रक में जाते हुए देखा तो दुख हुआ। उन्होंने लोगों से कहा कि आप अपने गांव में जाकर वहां अपने ही लोगों के लिए मुसीबत खड़ी करेंगे।
संक्रमण का बढ़ रहा भय
धौलपुर के सैंपऊ में हैदराबाद से कुछ युवक आए। रविवार सुबह इनमें से छह युवक स्क्रीनिंग के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचे। यहां कंपाउंडर ने 10 फीट की ऊंचाई की दीवार पर खड़ा होकर उनके नाम और गांव के पते रजिस्टर में दर्ज किए। उनकी तबीयत के बारे में भी पूछा। अस्पताल की तरफ से स्क्रीनिंग के नाम पर की जा रही खानापूर्ति से गांव के लोग डरे हुए हैं। बाहर से आ रहे लोग भी स्क्रीनिंग की व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है।
धौलपुर में जोधपुर से आए दो लोगों को कॉलोनी में घुसने नहीं दिया गया। कॉलोनी के लोगों ने सुबह फोन करके कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। इसके बाद प्रशासन ने उन्हें जांच के लिए अस्पताल भेजा । दिल्ली से तीन दिन तक पैदल चलकर जयपुर के बंधा बस्ती इलाके में पहुंचे चार परिवारों को स्थानीय लोगों ने उनके घरों के प्रवेश करने से रोक दिया। लोगों ने कहा कि संक्रमण का खतरा है, आप लोग बाहर से आए हैं, पहले जांच कराओ, सरकारी अस्पताल में रहो।
काफी मशक्कत के बाद पुलिस थाने की टीम और चिकित्सक पहुंचे दिल्ली से आए नौ लोगों की स्क्रीनिंग की गई और फिर उन्हें घर में घुसने दिया गया। हालांकि स्थानीय लोगों ने उन्हें अपने घर के दरवाजे बंद करके रखने की हिदायत दी है। इसी तरह प्रदेश का कोरोना जोन बने भीलवाड़ा से दो लोग रविवार को दौसा पहुंचे तो घरवालों ने ही उन्हें रोक दिया और पहले जांच कराने के लिए कहा।
अस्थियों को मोक्ष का इंतजार
लॉकडाउन के कारण रोड़वेज की बसें बंद है। निजी वाहन चलने नहीं दिए जा रहे हैं। ऐसे में सीकर के पलसाना में रामजी लाल जाट के पिता की कलश में अस्थियां भी मोक्ष का इंतजार कर रही हैं। लॉकडाउन होने के कारण कई शहरों व गांवों में लोग परिजनों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित नहीं कर पा रहे हैं। परिजनों ने घर के अंदर या फिर मंदिर या श्मशान घाट में अस्थि कलश रख दिए हैं, ताकि व्यवस्थाएं सुचारू होने पर इनका विसर्जन हरिद्वार या पुष्कर में करके जा सकें।
54 विदेशी पर्यटक पुष्कर से दिल्ली भेजे गए
लॉकडाउन के कारण पुष्कर में फंसे 54 विदेशी पर्यटकों को रविवार को दिल्ली रवाना किए गए। इनमें 47 फ्रांस के हैं। पहले इनकी स्क्रीनिंग की गई और फिर उसके बाद इन्हें दिल्ली रवाना किया गया। इससे पहले शनिवार को 31 विदेशी पर्यटकों को दिल्ली रवाना किया गया था। वहां से उनके दूतावास के माध्यम से उन्हे स्वदेश भेजा जाएगा।