Coronavirus: राजस्थान में कैदियों की पैरोल अवधि बढ़ेगी, शीघ्र जारी होंगे आदेश
Coronavirus जयपुर की दो जेलों में 250 से अधिक कैदियों के इस वायरस की गिरफ्त में आने के बाद अशोक गहलोत सरकार तीसरी बार कैदियों की पैरोल की अवधि बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Coronavirus: राजस्थान के 33 में से 31 जिलों में कोरोना संक्रमण फैलने और जयपुर की दो जेलों में 250 से अधिक कैदियों के इस वायरस की गिरफ्त में आने के बाद अशोक गहलोत सरकार तीसरी बार कैदियों की पैरोल की अवधि बढ़ाने की तैयारी कर रही है। जिन कैदियों की पैरोल अवधि 20 मई समाप्त हो रही है, उन्हें अब 3 सप्ताह का पैरोल और दिया जाएगा। इसके लिए गृह विभाग ने नियमों में संशोधन कर लिया है। अधिकारिक आदेश शीघ्र जारी कर दिए जाएंगे। इससे पहले भी सरकार कैदियों की पैरोल की अवधि बढ़ा चुकी है।
जस्टिस संगीत राज लोढ़ा की उच्च स्तरीय कमेटी की सिफारिशों के अनुसार जेल में भीड़ कम करने के उद्देश्य से करीब 250 कैदियों को कोरोना संक्रमण काल शुरू होने के वक्त पैरोल पर छोड़ा गया था। अब इन कैदियों की पैरोल अवधि 20 मई को समाप्त हो रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए इसे फिर से 3 सप्ताह के लिए बढ़ाया जा रहा है। गृह विभाग ने इससे पहले 14 अप्रैल को भी कैदियों की पैरोल की अवधि बढ़ाई थी।
जेलों में 20 हजार से अधिक कैदी हैं
राज्य की जेलों में 22 हजार 921 कैदियों के रखने की क्षमता है। अभी जेलों में 20 हजार 722 कैदी हैं। इनमें से 6,212 सजायाफ्ता और 14,481 विचाराधानी कैदी है।
पूर्व में पैरोल पर छोड़ जाने वाले कैदियों की सूची लंबी चौड़ी बनाई गई थी, लेकिन इनमें से कुछ को ही पैरोल दिया गया था। इसके पीछे प्रमुख वजह कानूनी अड़चनें बताई गई है। विचाराधीन कैदी को कोर्ट के आदेश से ही छोड़ा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए 23 मार्च को राज्य सरकारों को कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर छोड़ने पर विचार करने के निर्देश दिये थे। इसमें ऐसे कैदियों को शामिल किया गया, जिन्हें सात साल या इससे कम की सजा हुई है या जिन पर सात साल या उससे कम की सजा के मुकदमे की ट्रायल लंबित है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना के तहत राज्य सरकार ने जस्टिस संगीत राज लोढ़ा की अध्यक्षता में एक हाईपावर कमेटी बनाई थी।