Rajasthan: पाकिस्तानी विस्थापितों की मौत के मामले में पोस्टमार्टम में जहर से मौत होने की हुई पुष्टि
Pakistani displaced पाकिस्तानी विस्थापितों की मौत के मामले में पुलिस को एक कथित सुसाइड नोट भी मिला है लेकिन पुलिस इसके बारे में कुछ भी बताने से कतरा रही है।
संवाद सूत्र, जोधपुर। Pakistani displaced: राजस्थान के जोधपुर के देचू थाना क्षेत्र के लोड़ता अचलावता गांव में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर से मौत होने की पुष्टि हुई है। मृतकों के हाथ में इंजेक्शन लगाए जाने के निशान भी मिले हैं। वहीं, इस मामले में पुलिस को एक कथित सुसाइड नोट भी मिला है लेकिन पुलिस इसके बारे में कुछ भी बताने से कतरा रही है। पुलिस का कहना है कि नोट पर लिखावट की जांच एफएसएल टीम से कराए जाने के बाद भी इस बारे में कुछ कहा जा सकता है। गौरतलब है कि परिवार पाकिस्तान से यहां विस्थापित होकर आया था और किराए पर खेत लेकर कृषि कार्य करता था।
सूत्रों के अनुसार सुसाइड नोट पर बुधाराम की बेटियों लक्ष्मी, प्रिया और सुमरन का नाम लिखा है। उन्होंने भाई केवलराम व रवि के ससुरालवालों और मंडोर पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। एक दिन पहले उठे इस विवाद के चलते पाकिस्तान से आए विस्थापितों के लिए काम करने वाले सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा ने भी मंडोर थाने के पुलिसकर्मियों की संदिग्ध भूमिका के चलते सेवानिवृत्त जज से इसकी जांच कराने की मांग की थी।
गौरतलब है कि परिवार के मुखिया बुधाराम सहित अन्य पर केवलराम के ससुरालवालों ने दहेज उत्पीड़न का मामला मंडोर थाने में दर्ज करवाया था। इस घटना के कुछ समय पहले ही मंडोर पुलिस ने बुधाराम और उनकी बेटियों को थाने में बुलाकर पूरा दिन बैठाए रखा था। इसी बीच, घटना के विरोध में और प्रकरण की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक पुखराज गर्ग के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया। जोधपुर के भील समाज ने भी आक्रोश व्यक्त किया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर से मौत होने की पुष्टि हुई है। परिवार के अन्य सदस्यों के बयान लिए गए हैं। मंडोर पुलिस का मामला संज्ञान में आने के साथ ही पुलिसकर्मियों सहित पीडि़त परिवार और उससे जुड़े लोगों के भी इस विषय पर बयान लिए जा रहे हैं।
- राहुल बारहट, एसपी जोधपुर (ग्रामीण)