Nasirabad Municipality: अजमेर में नसीरबाद सबसे छोटी नगरपालिका, सिर्फ 957 वोटर
Nasirabad Municipality. अजमेर जिले की नसीराबाद सबसे छोटी नगरपालिका बनी है। यहां बीस वार्ड बनाए गए हैं जिनमें सिर्फ 957 मतदाता हैं।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में नवंबर में होने जा रहे 49 नगरीय निकायों के चुनाव में अजमेर जिले की नसीराबाद सबसे छोटी नगरपालिका बनी है। यहां बीस वार्ड बनाए गए हैं, जिनमें सिर्फ 957 मतदाता हैं। यानी औसतन एक वार्ड में 40 मतदाता हैै। वहीं, सबसे ज्यादा 4.41 लाख मतदाता बीकानेर नगर निगम में है, जहां 80 वार्ड है।
राजस्थान में 16 नवंबर को 49 नगरीय निकायों के चुनाव होने हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इस चुनाव में करीब 32 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर 49 नगरीय निकायों में अपने प्रतिनिधि चुनेंगे। आयेाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार, इन 49 नगरीय निकायों में से सबसे कम 957 मतदाता नगगठित नसीराबाद नगरपालिका में हैं। यह नगरपालिका नई बनाई गई है और अजमेर जिले में स्थित है। यहां 20 वार्ड बनाए गए हैं। ऐसे में औसतन एक वार्ड में 40 मतदाता है। इस हिसाब से स्थिति यह भी बन गई है कि यदि किसी प्रत्याशी के परिवार में बीस मतदाता हों तो वह वार्ड पार्षद बन सकता है। नसीराबाद के 957 मतदाताओं में से 498 पुरुष और 459 महिला मतदाता है।
नसीराबाद नगर पालिका की घोषणा भाजपा सरकार के समय ही कर दी गई थी। दरअसल, नसीराबाद सेना की छावनी का क्षेत्र रहा है और यह दो हिस्सों में बंटा है। एक हिस्सा हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र है और दूसरा छावनी बोर्ड क्षेत्र है। यहां ज्यादातर लोग छावनी क्षेत्र में ही रहते है। छावनी बोर्ड के क्षेत्र एवं वार्डों को नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत लाने की प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो पाई। इसके अलावा जो परिसीमन किया गया, वह 2011 की जनसंख्या के आधार पर किया गया है। पालिका चुनाव से पूर्व प्रशासन की ओर से इन वार्डों में पुनः जनगणना कराने की कवायद भी गई, ताकि नई जुडी जनसंख्या नगर पालिका चुनाव की मतदाता सूची में शामिल हो सके, लेकिन मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन तक ये कवायद भी तकनीकी कारणों के चले पूरी नहीं हो पाई।
नगर पालिका क्षेत्र में नसीराबाद की सम्पूर्ण जनसंख्या को शामिल करने के लिए छावनी बोर्ड से एनओसी यानी अनापत्ति प्रमाण पात्र आवश्यक है। इसके लिए सेना के दिल्ली स्थित मुख्यालय से अनुमति लेनी होगी। हालांकि इसके लिए जनप्रतिनिधियों और सरकार के नुमाइंदों ने संपर्क साधा है और कार्यवाही चल रही है, लेकिन नगर पालिका के नवंबर में होने वाले चुनाव से पहले यह मुमकिन नहीं हो सकेगा। ऐसे में यहां चुनाव तो होगा, लेकिन इसमें नसीराबाद की ज्यादातर जनसंख्या का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाएगा।