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Rajasthan Panchayat Election 2020: पहले चरण के लिए नामांकन आज, पहली बार सरपंचों का चुनाव ईवीएम से

Rajasthan Panchayat Election 2020. राजस्थान में पंचायत चुनाव के लिए बुधवार को नामांकन पत्र भरे जाएंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 05:39 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 12:46 PM (IST)
Rajasthan Panchayat Election 2020: पहले चरण के लिए नामांकन आज, पहली बार सरपंचों का चुनाव ईवीएम से

जयपुर, जेएनएन। Rajasthan Panchayat Election 2020. राजस्थान के गांवों में बुधवार से पंचायत चुनाव की रौनक शुरू हो जाएगी। प्रदेश में पहले चरण के पंचायत चुनाव के लिए मंगलवार को लोकसूचना जारी कर दी गई है और अब बुधवार को पंच और सरपंच पद के लिए नामांकन भरे जाएंगे। पहले चरण का मतदान 17 जनवरी को होगा। पहली बार सरपंचों का चुनाव ईवीएम से होगा।

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प्रदेश में 11 हजार 123 ग्राम पंचायतों के पंचो और सरपंचों का चुनाव होना है, जो चार चरणों में कराया जाएगा। इसमें से पहले चरण 3847 पंचायतों के पंच और सरपंच चुनाव के लिए लोकसूचना मंगलवार को जारी कर दी गई है। अब बुधवार को सुबह दस से शाम 4.30 बजे तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे। राजस्थन में पहली बार सरपंच पद के लिए ईवीएम से चुनाव कराया जाएगा, यही कारण है कि इस बार नामांकन के बाद मतदान के लिए आठ से दस दिन का समय लिया जा रहा है। पहले चरण की ग्राम पंचायतों का मतदान 17 जनवरी को होगा। दूसरा 22 जनवरी, तीसरा चरण 29 जनवरी और चैथे चरण में एक फरवरी को मतदान करवाया जाएगा।

प्रचार का समय ज्यादा, रहेगी रौनक

पूरी तरह स्थानीय स्तर का चुनाव होने के कारण अब राजस्थान के गांवों में अब एक फरवरी तक चुनाव की रौनक रहने वाली है। नामांकन दाखिल करने के साथ ही प्रचार का काम शुरू हो जाएगा और इस बार चूंकि प्रचार के लिए समय ज्यादा मिलेगा, इसलिए रौनक भी पूरी रहने वाली है। निर्वाचन आयोग ने सरपंच के लिए 50 हजार रुपये की खर्च सीमा तय की है, वही पंच के पद के लिए चुनाव खर्च की कोई सीमा नहीं है।

राजनीतिक जनादेश का पता नहीं चलेगा

इस बार पंचायत चुनाव में राजस्थान में जिला परिषद सदस्यों और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव नहीं हो रहे हैं। सिर्फ पंच और सरपंच के चुनाव कराए जा रहे है। पंच और सरपंच के चुनाव में राजनीतिक दलों की भूमिका नहीं होती, क्योंकि प्रत्याशी पार्टियों के सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ते। यही कारण है कि एक महीने तक चुनाव की रौनक तो रहेगी, लेकिन राजनीतिक जनादेश का पता नहीं लग पाएगा। फिर भी सभी राजनीतिक दलों के नेता अपने अपने क्षेत्रों में सक्रिय दिख रहे हैं, क्योंकि बाद में जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव भी होंगे ही और उनमें चुने गए पंच और सरपंचो की भूमिका काफी अहम रहने वाली है। कांग्रेस और भाजपा ने पंचायत चुनावों के लिए जिलावार प्रभारी नियुक्त किए हैं और उन्हें पूरी माॅनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।

खुले में शौच नहीं जाने का देना होगा शपथ पत्र

राजस्थान में पिछली बार पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता लागू की गई थी। इस अनिवार्यता को मौजूदा सरकार ने हटा दिया है, लेकिन इस बार सभी प्रत्याशियों को यह शपथ पत्र जरूर देना होगा कि उनके घर में पक्का शौचालय बना हुआ है और वे स्वयं तथा उनके परिवार का कोई सदस्य खुले में शौच नहीं जाता है। इसके साथ ही संतान और संपत्ति के संबंध में सभी सूचनाएं और विचाराधीन आपराधिक मामलों और आपराधिक प्रकरणों में दोषसिद्धि से संबंधित जानकारियां भी देनी है। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए है कि नामांकन-पत्र का कोई भी कॉलम खाली छोड़ने पर नामांकन-पत्र रद कर दिया जाएगा। 

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