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कांग्रेस में 10 माह से संगठन नहीं, फिर भी हो रही फर्जी नियुक्तियां, उप चुनाव अभियान मंत्रियों के हवाले

संगठन कमजोर होने के कारण दोनों ही चुनाव में सत्ता में होने के बावजूद कांग्रेस को अपेक्षा के मुताबिक सफलता नहीं मिल सकी। पार्टी नेतृत्व द्वारा प्रदेश में संगठन की जा रही उपेक्षा का ही परिणाम है कि भंग कार्यकारिणी के पदाधिकारी अब तक नियुक्तियां कर रहे हैं।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 12:22 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 12:22 PM (IST)
कांग्रेस में 10 माह से संगठन नहीं, फिर भी हो रही फर्जी नियुक्तियां,

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान कांग्रेस में पिछले 10 माह से जिलों से लेकर ब्लॉक स्तर तक संगठन नहीं है। जुलाई, 2020 में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय प्रदेश से लेकर ब्लॉक स्तर तक संगठन की कार्यकारिणी को भंग किया गया था। अग्रिम संगठन और पार्टी के सभी प्रकोष्ठ भी भंग किए गए थे। पार्टी आलाकमान ने संगठन की सभी इकाईयों को भंग कर दिया था। उसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी तो बन गई, लेकिन अन्य नियुक्तियां नहीं हुई। बिना पदाधिकारियों के ही स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव हो गए।

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संगठन कमजोर होने के कारण दोनों ही चुनाव में सत्ता में होने के बावजूद कांग्रेस को अपेक्षा के मुताबिक सफलता नहीं मिल सकी। पार्टी नेतृत्व द्वारा प्रदेश में संगठन की जा रही उपेक्षा का ही परिणाम है कि भंग कार्यकारिणी के पदाधिकारी अब तक नियुक्तियां कर रहे हैं। नियुक्तियां करने वाले पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। यह आरोप पिछले कई सालों से पार्टी में काम करने वाले कार्यकर्ता लगा रहे हैं, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है। खुद को निष्ठावान बताने वाले कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जो नेता खुद पद पर नहीं है वे नियुक्तियां कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तक शिकायतें पहुंच रही है, लेकिन वे नियुक्तियां करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने में असहाय साबित हो रहे हैं।

जयपुर सहित कई जिलों में नियुक्तियां हो रही है। पिछले एक माह में खुद को जयपुर शहर कांग्रेस कमेटी का महासचिव बताने वाले मनोज दुग्गल ने एक दर्जन से अधिक नियुक्तियां कर दी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी इन नियुक्तियों को असैंवधानिक बता रहे हैं, लेकिन दुग्गल लगातार नियुक्तियां करते जा रहे हैं। इसी तरह पाली, कोटा, टोंक व सीकर जिलों में नियुक्तियां हुई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव जसवंत गुर्जर का कहना है कि वर्तमान में जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी व अग्रिम संगठन की कार्यकारिणी भंग है ऐेसे में नियुक्तियां करना असंवैधानिक है।

उधर तीन विधानसभा सीटों राजसमंद,सुजानगढ़ और सहाड़ा का चुनाव अभियान पूरी तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथ में है। संगठन को दरकिनार कर मंत्रियों को चुनाव अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 


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