एनजीटी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई में शामिल न होने पर मुख्यसचिव के प्रति नाराजगी जताई
इसी माह सेवानिवृति का हवाला देकर सुनवाई में शामिल नहीं हुए थे। पीठ ने कहा कि सेवानिवृति का हलफनामा दाखिल नहीं करने और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश नहीं होने का स्पष्टीकरण नहीं हो सकता है। अनुपालना रिपोर्ट दो महीने में एनजीटी को मेल से भेजने के लिए कहा है।
जागरण संवाददाता, जयपुर : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राजस्थान में बीकानेर के एक गांव में कृषि भूमि पर सीवरेज का दूषित पानी और उधोगों का अपशिष्ट छोड़ने के एक मामले में हुई सुनवाई में मुख्य सचिव निरंजन आर्य के शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताई है । आर्य इसी माह में होने वाली स्वयं की सेवानिवृति का हवाला देते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई में शामिल नहीं हुए थे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश नहीं होने का स्पष्टीकरण नहीं हो सकता है
एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि सेवानिवृति का हलफनामा दाखिल नहीं करने और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश नहीं होने का स्पष्टीकरण नहीं हो सकता है। पीठ ने कहा कि यदि मुख्य सचिव को सेवानिवृत होना है तो वह पहले काम बन्द नहीं कर सकते हैं। अगर उनमें ऐसी क्षमता नहीं प्रशासन के हित में उन्हे ऐसे अन्य लोगों के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए जो प्रदर्शन कर सकते हैं।
अनुपालना रिपोर्ट दो महीने में एनजीटी को मेल से भेजने के लिए कहा गया है
पीठ ने कहा कि हम राजस्थान में मौजूदा और आने वाले मुख्य सचिवों को निर्देश देते हैं कि उपरोक्त टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए 21 सितम्बर 2021 के आदेश के पालन के लिए सम्बन्धित अधिकारियों के समन्वय से तत्काल सकारात्मक उपाय करें ।इसकी अनुपालना रिपोर्ट दो महीने में एनजीटी को मेल से भेजने के लिए कहा गया है।
सीवरेज का पानी कृषि भूमि में नहीं छोड़ा जा रहा है लेकिन रिपोर्ट में उल्लेख नहीं
एनजीटी ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा 31 मई, 2018 तक जरूरी शोधन संयत्र स्थापित करने की समय सीमा के विपरित इसमें विलम्ब के बारे में किसी जवाबदेही के ही लम्बी समय सीमा प्रस्तावित की गई है। अधिकरण ने कहा कि राज्य में दूसरे स्थानों की स्थिति नहीं बताई गई है। सरकार की तरफ से आश्वासन दिया जाना चाहिए था कि सीवरेज का पानी कृषि भूमि में नहीं छोड़ा जा रहा है। लेकिन रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं किया गया ।
कृषि भूमि पर सीवरेज का दूषित पानी और उधोगों का अपशिष्ट छोड़ने का आरोप
पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश नहीं होने का फैसला,अनुपालना को लेकर हलफनामा दाखिल करने में विफलता या इस अधिकरण के निर्देश के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है।एनजीटी बीकानेर निवासी भंवरलाल भार्गव की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था,जिसमें बीकानेर जिले के नोखा गांव में कृषि भूमि पर सीवरेज का दूषित पानी और उधोगों का अपशिष्ट छोड़ने का आरोप लगाया गया है।