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जयपुर नगर निगम में बंद हुआ राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत, भाजपा ने आंदोलन की चेतावनी दी Rajasthan News

जयपुर नगर निगम में सुबह राष्ट्रगीत के साथ कामकाज की शुरुआत और शाम को राष्ट्रगान के साथ कामकाज खत्म होने की परंपरा बंद हो गई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 18 Jun 2019 02:48 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jun 2019 02:50 PM (IST)
जयपुर नगर निगम में बंद हुआ राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत, भाजपा ने आंदोलन की चेतावनी दी Rajasthan News
जयपुर नगर निगम में बंद हुआ राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत, भाजपा ने आंदोलन की चेतावनी दी Rajasthan News

जयपुर, जागरण संवाददाता। जयपुर नगर निगम में सुबह राष्ट्रगीत के साथ कामकाज की शुरुआत और शाम को राष्ट्रगान के साथ कामकाज खत्म होने की परंपरा बंद हो गई है। इस परंपरा को तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने शुरू किया था। लेकिन लाहोटी के भाजपा के टिकट पर विधायक बनते ही कांग्रेस के विष्णु लाटा महापौर बने और फिर राष्ट्रगीत एवं राष्ट्रगान की परंपरा खत्म हो गई।

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भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी और अशोक लाहोटी का कहना है कि कांग्रेस राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत की विरोधी है, जिसकी वजह से नगर निगम की अच्छी परंपरा बंद कर दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि लोगों में राष्ट्रभक्ति की भावना भरने के साथ ही कार्यस्थल पर अनुशासन लाने के लिए भाजपा शासन के दौरान जयपुर नगर निगम में इस परंपरा की शुरुआत की गई थी, लेकिन कांग्रेस शुरू से ही इसका विरोध करती रही है। यही वजह है कि जान-बूझकर मशीन की खराबी के नाम पर इसे बंद किया गया है। उन्होने कहा कि इसे वापस शुरू नहीं किया गया तो भाजपा आंदोलन करेगी।

महापौर ने कहा, शीघ्र ठीक होगी मशीन

महापौर विष्णु लाटा का कहना है कि यह तकनीकी कमी की वजह से बंद हुई है, इसे बंद नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि रील कंपनी के इंस्ट्रूमेंट नगर निगम में लगे थे जो सभी कमरों में बजते थे और उसके बजते ही लोग अपनी-अपनी कुर्सी से उठकर राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाते थे, मगर मशीन में अचानक से खराबी आ गई है, जिसकी वजह से राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गीत नहीं बज पा रहा है, हालांकि जो भी गाना चाहता है वह अपनी सीट पर खड़ा होकर गा सकता है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने शीघ्र ही मशीन को ठीक करने की बात कही है 

उल्लेखनीय है कि लाहोटी के महापौर रहते हुए नगर निगम में दिन की शुरुआत राष्ट्रगीत से करने और दफ्तर खत्म होने के समय राष्ट्रगान गाने की परंपरा शुरू हुई थी, जिसका तब कई मुस्लिम पार्षदों ने विरोध भी किया था। इसके बाद देश के कई हिस्सों में भी इस तरह की परंपरा शुरू हुई थी।

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