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MRSAM Missile: वायुसेना के बेड़े में शामिल हुई एमआरएसएएम मिसाइल, जानें-इसकी खासियत

MRSAM Missile मध्यम दूरी के जमीन से आसमान में मार करने वाली मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम की विशेषता है कि यह 360 डिग्री घूम कर दुश्मन हमला कर उसे नेस्तनाबूद कर सकती है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इस मिसाइल के तैनात होने से सेना की ताकत और बढ़ेगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 06:55 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 06:55 PM (IST)
MRSAM Missile: वायुसेना के बेड़े में शामिल हुई एमआरएसएएम मिसाइल, जानें-इसकी खासियत
वायुसेना के बेड़े में शामिल हुई एमआरएसएएम मिसाइल, जानें-इसकी खासियत। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। भारतीय वायुसेना के बेड़े में एमआरएसएएम मिसाइल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में शामिल किया गया है, जिससे कि निश्चित तौर पर देश की सुरक्षा व्यवस्था में एक अध्याय और जुड़ा है।मध्यम दूरी के जमीन से आसमान में मार करने वाली मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम की विशेषता है कि यह 360 डिग्री घूम कर दुश्मन हमला कर उसे नेस्तनाबूद कर सकती है। देश की पश्चिमी सीमा पर सटे जैसलमेर सैन्य क्षेत्र में हुए एक कार्यक्रम में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना के एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी मौजूद रहे। राजस्थान के बाड़मेर जालोर में इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप को देश को समर्पित करने के बाद रक्षा मंत्री जैसलमेर पहुंचे।

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यहां उन्होंने इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन के द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इस मिसाइल को आधिकारिक रूप से भारतीय सेना के बेड़े में शामिल किए जाने के कार्यक्रम में शिरकत की। इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित मिसाइल की खासियत यह है कि यह हवा में एक साथ आने वाले कई टारगेट या दुश्मनों पर 360 डिग्री घूम कर एक साथ हमला कर सकती है। राजनाथ सिंह ने जैसलमेर के एयरफोर्स में ही एमआरएसएएम मिसाइल बेस का उद्घाटन किया। इसके बाद रक्षा मंत्री वहां तैनात जवानों से चर्चा की व हौंसला अफजाई की।

पश्चिमी सीमा पर बढ़ेगी ताकत

पाकिस्तान से सटी देश की पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इस मिसाइल के तैनात होने से इस क्षेत्र में सेना की ताकत और बढ़ेगी। 70 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखने वाली और 360 डिग्री पर लक्ष्य को साधने वाली इस मिसाइल के तैनात होने से अंतरराष्ट्रीय बार्डर और विशेषकर पाकिस्तान से सटी सीमा पर भारतीय सेना को और अधिक मजबूती मिलेगी, जो कि दुश्मन की मिसाइलों उनके विमानों को भेदने में सहायक साबित होगी।

ये हैं मिसाइल की विशेषताएं

भारत के सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राजस्थान में आधिकारिक तौर पर मध्यम दूरी के जमीन से आसमान में मार करने वाले मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम को भारतीय वायुसेना को सौंपा। इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा संयुक्त रूप विकसित इस मिसाइल की खासियत यह है कि यह हवा में एक साथ आने वाले कई टारगेट या दुश्मनों पर 360 डिग्री घूम कर एक साथ हमला कर सकती है। कई विशिष्ट क्षमताओं से लैस यह मिसाइल 70 किलोमीटर के दायरे में आने वाली किसी भी मिसाइल, लड़ाकू विमान, हेलीकाप्टर, ड्रोन, निगरानी विमानों और हवाई शत्रुओं को मार गिराने में सक्षम है। मिसाइल का 17 मई, 2019 को नौसेना के जहाज से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।


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