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राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने ट्विटर पर फोटो शेयर कर कहा, आदिवासी बच्चों को सत्रह दिन से थाने में बना रखा है बंधक

डूंगरपुर उपद्रव में पुलिस की गोली से मारे गए आदिवासी युवाओं के घर पहुंचे मीणा। राज्यसभा सांसद उदयपुर से सीधे उदयपुर और डूंगरपुर के सीमा पर स्थित खेरवाड़ा पहुंचे। पचास—पचास हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। कहा-आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए काम करेंगे।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 11:47 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 11:47 PM (IST)
पुलिस अधीक्षक कैलाश विश्नोई ने मीणा के आरोप को गलत बताया कहा कि उन्हें कुछ घंटे पहले ही पकड़ा था।

जागरण संवाददाता, उदयपुर। डूंगरपुर उपद्रव मामले की जांच एक ओर प्रदेश के गृहसचिव एलएन मीणा कर रहे हैं, वहीं सोमवार को भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा खेरवाड़ा का दौरा करने पहुंचे। जहां वह खेरवाड़ा थाना पहुंचे तथा उपद्रव के दौरान पुलिस की चलाई गोली से मरने वाले दो आदिवासी युवकों के घर पहुंचे। राज्यसभा सांसद उदयपुर से सीधे उदयपुर और डूंगरपुर के सीमा पर स्थित खेरवाड़ा पहुंचे। 

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अगर कोई अनहोनी हो गई तो किसकी जबावदेवी रहेगी

वह खेरवाड़ा थाने पहुंचे तथा वहां बंदीगृह में बंद सोलह आदिवासी बच्चों की फोटो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करने के साथ आरोप लगाया कि उन्हें पिछले सत्रह दिन से अवैध रूप से बंधक बनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों की ना तो कोरोना की जांच कराई गई। अगर कोई अनहोनी हो गई तो किसकी जबावदेवी रहेगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोगों को उपद्रव के झूठे मामले में फंसाकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।

छह गुना छह फीट की कोठरी में रखा, न हवा न रोशनी  

उन्हें अर्द्ध् नग्न अवस्था में रखा जा रहा है। महज छह गुना छह फीट की कोठरी में रखा जा रहा है जहां न तो हवा है ना ही रोशनी की व्यवस्था। मीणा के मुताबिक उन्हें 26 सितम्बर से कैद करके रखा जा रहा है। नियमानुसार 24 घंटे के अंदर आरोपितों को न्यायालय में पेश करना जरूरी होता है। हालांकि पुलिस अधीक्षक कैलाश विश्नोई ने मीणा के आरोप को गलत बताया है और कहा कि उन्हें कुछ घंटे पहले ही पकड़ा था।

परिजनों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी

इसके बाद किरोड़ीलाल मीणा उपद्रव के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गए कुलदीप और तरुण अहारी के घर पहुंचे। उनके परिजनों को सांत्वना दी तथा दोनों परिवारों को पचास—पचास हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। उन्होंने कहा कि पुलिस फायरिंग का शिकार हुए कुलदीप और तरुण अहारी के परिजनों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। सरकार इन्हें आर्थिक सहायता और एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे।

व्यवहार नाकाबिले बर्दाश्त, आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी

राज्यसभा सदस्य किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि उदयपुर संभाग में आदिवासियों के साथ हो रहा व्यवहार नाकाबिले बर्दाश्त है। यदि सरकार ने इस पर अंकुश नहीं लगाया तो वह उदयपुर संभाग में बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे और आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए काम करेंगे।

पुलिस की लापरवाही से नुकसान, सर्वे करवा दें मुआवजा

मीणा ने कहा कि उपद्रव में जिनको नुकसान हुआ उनके साथ खड़ा हूं। आंदोलन के दौरान प्रशासन और पुलिस की लापरवाही की वजह से स्थानीय लोगों की संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। सरकार को तत्परता के साथ नुकसान का सर्वे करवा कर तुरन्त मुआवजा देना चाहिए।


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