हिरण शिकार मामले में आंदोलन जारी, 70 किलोमीटर पैदल चलकर वन्यजीव प्रेमी बीकानेर पहुंचे
बीकानेर जिले में हिरणों के शिकार मामले में आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज विभिन्न गांवों के लोग 70 किलोमीटर पैदल चलकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के बीकानेर जिले में हिरणों के शिकार मामले में आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज विभिन्न गांवों के लोग 70 किलोमीटर पैदल चलकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। करीब डेढ़ हजार वन्यजीव प्रेमी ग्रामीणों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि आरोपितों को शीघ्र गिरफ्तार नहीं किया गया तो राजमार्ग संख्या-62 को जाम किया जाएगा।
इस आंदोलन की अगुवाई राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश मंत्री विजयपाल बेनीवाल, जीव रक्षा संस्था के अध्यक्ष मोखराम धारणियां एवं मोहन पूनियां कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 22 जनवरी को बीकानेर जिले के सादोलाई गांव के आसपास बड़ी संख्या में हिरणों का शिकार हुआ था। खेतों में कई हिरण मृत अवस्था में मिले थे। लोगों का आरोप है कि सूचना देने के बाद भी वन विभाग के रेंजर और वनपाल ने संज्ञान में नहीं लिया। इस पर जीव रक्षा संस्थान के पदाधिकारी 23 जनवरी को लूणकरणसर में रेंजर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। 10 दिन तक धरना चला।
इस दौरान वन विभाग के आला अधिकारियों के साथ ही कई जनप्रतिनिधि भी पहुंचे। मगर, जीव प्रेमी दोषी वन रक्षक व वनपालों को सस्पेंड करने की मांग पर धरने पर बैठे रहे। धरने पर बैठे लोगों का कहना था कि प्रशासन आरोपितों की पहचान कर शीघ्र सजा दिलाए। लेकिन 11 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो धरने पर बैठे लोग 70 किलोमीटर पैदल चलकर शनिवार देर शाम बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर पहुंचे।
रविवार को जीव रक्षा संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि अब राजमार्ग संख्या-62 को जाम करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लूणकरणसर रेंजर व छत्तरगढ़ के तीन वनपालों की शिकारियों से मिलीभगत है। इस कारण उन्हे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।