Move to Jagran APP

Rajasthan: Rajasthan: सचिन पायलट गुट के विधायक हेमाराम सोलंकी बोले, सुनवाई नहीं हुई तो मैं भी दे दूंगा इस्तीफा

Rajasthan विधायक वेदप्रकाश सोलंकी बोले केवल हेमाराम चौधरी ही पीड़ित नहीं हैं बहुत से विधायकों की ऐसी हालत है। कई विधायक अंदर ही अंदर घुट रहे हैं। कई मजबूरी के कारण चुप हैं चौधरी सहन नहीं कर सके तो वे खुलकर बोल गए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 03:39 PM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 07:19 PM (IST)
Rajasthan: Rajasthan: सचिन पायलट गुट के विधायक हेमाराम सोलंकी बोले, सुनवाई नहीं हुई तो मैं भी दे दूंगा इस्तीफा
विधायक वेदप्रकाश सोलंकी बोले, सुनवाई नहीं हुई तो मैं भी इस्तीफा दे दूंगा। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: अरब सागर से उठे तूफान टाक्टे के साथ ही राजस्थान कांग्रेस का सियासी तूफान फिर उठने लगा है। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के विधायक फिर मुखर होने लगे हैं। मंत्रिमंडल में फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियां अटकने और सरकार में सुनवाई नहीं होने से नाराज पायलट समर्थक विधायक अब खुलकर सामने आने लगे हैं। छह बार विधायक रहे पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने एक दिन पहले अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेजा। अब पायलट के एक अन्य विश्वस्त विधायक वेदप्रकाश सोलंकी मैदान में उतर आए। उन्होंने चौधरी का समर्थन किया। सोलंकी बोले, केवल चौधरी ही पीड़ित नहीं हैं बहुत से विधायकों की ऐसी हालत है। कई विधायक अंदर ही अंदर घुट रहे हैं। कई मजबूरी के कारण चुप हैं, चौधरी सहन नहीं कर सके तो वे खुलकर बोल गए।

loksabha election banner

उन्होंने अशोक गहलोत सरकार में कांग्रेस विधायकों की प्राथमिकता नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर सुनवाई नहीं हुई तो मैं भी इस्तीफा दे दूंगा। सोलंकी बोले, वरिष्ठ विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही है। चौधरी पार्टी के वरिष्ठ और स्वच्छ छवि के विधायक हैं। कांग्रेस आलाकमान इस बात की जांच करे कि इतने वरिष्ठ और ईमानदार विधायक को इस्तीफा देने के लिए मजबूर क्यों होना पड़ा है। सोलंकी ने कहा कि मेरा जैसा जूनियर विधायक इस्तीफा देता तो भी बड़ी बात नहीं थी, लेकिन चौधरी जैसे दिग्गज नेता को इसलिए इस्तीफा देना पड़े कि उनकी वाजिब मांगों व बातों को नहीं सुना जा रहा है। उनकी वाजिब मांगों को सुना जाना चाहिए, उन्हें मनाया जाए। सोलंकी ने अपनी ही सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकारी खेमे के वरिष्ठ विधायकों की भी सुनवाई नहीं हो रही। गुट और गुटबाजी का अलग मामला है, लेकिन वरिष्ठ विधायकों की तो सत्ता व संगठन में सुनवाई होनी चाहिए। विधायक खुलकर अपने क्षेत्र का दर्द बता रहे हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। उल्लेखनीय है कि पायलट की बगावत के समय मानेसर में रहने वाले 19 विधायकों में सोलंकी भी शामिल रहे हैं।

पहले भी उठा चुके सवाल

सचिन पायलट खेमे के विधायक हेमाराम चौधरी, रमेश मीणा, पीआर मीणा, राकेश पारीक ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान दलित और अल्पसंख्यकों के विधायकों की आवाज दबाने का मु्द्दा उठाया था। मीणा ने तो मंत्रियों व अधिकारियों पर आरोप भी लगाए थे। अन्य विधायकों ने भी सरकार के कामकाज को लेकर कांग्रेस आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाई है। ये विधायक कई बार दिल्ली जाकर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल व प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मिल चुके हैं। उधर, हेमाराम चौधरी द्वारा इस्तीफा भेजे जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उनसे फोन पर बात की।

भाजपा बोली, कांग्रेस की नाव में छेद हो गया

भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस की नाव में छेद हो गया। अब यह कभी भी डूब सकती है। कांग्रेस के विधायक अपनी ही सरकार से नाराज है। सरकार में कोई काम नहीं हो रहे। जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो रही है। गांवों में विकास कार्य बंद पड़े हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.