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Rajasthan: डूंगरपुर में एक और छात्रा से दुष्कर्म, मूक-बधिर से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में बड़ा खुलासा

Rajasthan 11वीं की एक और छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। दुष्कर्मी छात्रा के पड़ोसी का रिश्तेदार है जो उसे मंदिर घुमाने ले जाने के बहाने जंगल में ले गया और दुष्कर्म के बाद उसके घर के बाहर छोड़कर फरार हो गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 10:37 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 10:37 PM (IST)
डूंगरपुर में एक और स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान के डूंगरपुर जिले में नौवीं की छात्रा के साथ उसी के स्कूल में पढ़ने वाले बारहवीं के छात्र द्वारा किए दुष्कर्म का मामले पहले से ही गर्माया हुआ है कि इसी दौरान ग्यारहवीं की एक और छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। दुष्कर्मी छात्रा के पड़ोसी का रिश्तेदार है, जो उसे मंदिर घुमाने ले जाने के बहाने जंगल में ले गया और दुष्कर्म के बाद उसके घर के बाहर छोड़कर फरार हो गया। डूंगरपुर जिले की निठाउवा थाना पुलिस ने दुष्कर्म का नामजद मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है और पीड़िता का मेडिकल कराया है। निठाउवा थाना क्षेत्र की 17 वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म की वारदात गुरुवार को हुई। 11वीं की छात्रा अपने स्कूल के बाहर खड़ी थी, तभी उनके पड़ोसी का रिश्तेदार युवक आड़ पारसोला निवासी गटू पुत्र नानका मीणा बाइक लेकर उसके पास आया। जिसे पीड़िता अच्छी तरह पहचानती थी।

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जान से मारने की दी धमकी

गटू मीणा ने छात्रा को मंदिर घुमाने ले जाने के बहाने बाइक पर बिठाया और जंगल की ओर ले जाने लगा। छात्रा को अहसास हुआ कि वह किसी अन्य जगह ले जा रहा है तो उसने गटू को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह उसे झांसे में लेकर निर्जन जंगल में ले गया। जहां उसे धमकाया तथा जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह उसे बाइक पर बिठाकर उसके घर के सामने छोड़कर फरार हो गया। पीड़िता ने अपने पिता को गटू मीणा द्वारा किए गए दुष्कर्म की जानकारी दी। जिस पर पिता अपनी बेटी को लेकर निठाउवा थाने पहुंचे तथा गटू मीणा के खिलाफ मामला दर्ज कराया। निठाउवा थानाधिकारी अब्दुल रज्जाक ने बताया की आरोपित गटू के खिलाफ दुष्कर्म तथा पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले के हर पहलू की जांच कर रही है। अभी तक इस मामले में आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। 

मूक-बधिर से भीलवाड़ा में हुआ था सामूहिक दुष्कर्म

चित्तौड़गढ़ जिले की मूकबधिर विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म चित्तौड़गढ़ में नहीं, बल्कि भीलवाड़ा में हुआ था। इसका खुलासा शुक्रवार शाम चित्तौड़गढ़ जिले की पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने पत्रकार वार्ता में किया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पकड़े गए दो आरोपितों में से एक से पीड़िता के गर्भ के भ्रूण के डीएनए से मिलान हो गया है। जिसकी रिपोर्ट शुक्रवार को पुलिस को मिली थी। चित्तौड़गढ़ जिला पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने बताया कि मूक बधिर विवाहिता बालिग निकली है। उसके स्कूल के प्रमाण पत्र से उसके बालिग होने की पुष्टि हुई है। इससे पहले उसे नाबालिग माना जा रहा था और जिले के साड़ास थाने में सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। किन्तु अब आरोपितों के पकड़े जाने से साफ हो गया कि पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात भीलवाड़ा में हुई थी। दीपावली से पहले वह अपने पिता के साथ प्रतापनगर थाना क्षेत्र के एक मकान में किराए के कमरे में रहती थी। वहां उसकी पहचान एक आरोपित की बहन के साथ थी और वह उसके घर जाती रहती थी। इसी दौरान उसके भाई से उसकी पहचान हो गई थी। जिसने अपने दोस्त के साथ मिलकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।

इस तरह हुआ खुलासा

पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने बताया कि पीड़िता के गर्भ के भ्रूण और ब्लड का सैंपल प्रिजर्व रखा गया था। मामले की जांच में उप महानिरीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मत सिंह रावल, राशमी थानधिकारी शिवलाल मीणा, जिला विशेष प्रभारी विक्रम सिंह, महिला थानाधिकारी सुशीला खोईवाला, साड़ास थानाधिकारी रविन्द्र सैन के नेतृत्व में जारी थी। पीड़िता के भीलवाड़ा स्थित किराए के मकान व आसपड़ोस में रहने वाले संदिग्ध व्यक्तियों से गहनता से पूछताछ की। इसी दौरान पता चला कि पीड़िता मूक-बधिर महिला पूर्व में उसी कालोनी में एक अन्य मकान में किराए पर निवास करती थी। उस मकान के पड़ोस में किराए से रहने वाले विष्णु कलाल का पीड़िता के घर आना-जाना था। पीड़िता की उसकी बहन से पहचान थी और वह उसके घर भी आती जाती थी। घटना के बाद से विष्णु कलाल फरार था, जिस पर उस पर संदेह बढ़ गया। पुलिस ने बंगेरा-अजमेर निवासी विष्णु कुमार पुत्र बृजमोहन कलाल को हिरासत में ले लिया। उसने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया उसने दीपावली के आसपास अपने मित्र के साथ मिलकर मूक बधिर विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने दोनों के डीएनए और पीड़िता के भ्रूण के डीएनए मिलान के लिए जयपुर भेजे। डीएनए रिपोर्ट शुक्रवार को मिली। जिसमें पीड़िता के भ्रूण व ब्लड सैंपल के डीएनए का आरोपित विष्णु कुमार कलाल के डीएनए से मिलान हो गया। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भीलवाड़ा अस्पताल में पेट के दर्द के बाद जांच कराने पहुंची मूक-बधिर के पेट में पल रहे भ्रूण के बारे में पता चला, जिसकी मौत हो चुकी थी। पीड़िता ने बताया कि उसके साथ दो युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। जिस पर उसके खिलाफ चित्तौड़गढ़ के साड़ास थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था।

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अलवर मामले में राजस्थान सरकार के दबाव में आकर पुलिस दुष्कर्म को एक दुर्घटना बता रही है। मगर FSL की रिपोर्ट ने मूक-बधिर दिव्यांग बालिका पर हुए अनाचार को उजागर कर दिया है।

View attached media content - Diya Kumari (@diyakumariofficial) 29 Jan 2022

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सरकार और प्रशासन शुरू से ही इस अमानवीय घटना पर पर्दा डाल अपराधियों को बचाने के प्रयास में है। वहीं उत्तर प्रदेश में नारी सम्मान की बात करने वाली प्रियंका जी भी खामोश हैं? कांग्रेस के राज में क्या राजस्थान की बेटी को न्याय नहीं मिलेगा? - Diya Kumari (@diyakumariofficial) 29 Jan 2022


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