Rajasthan: गहलोत सरकार के मंत्री एक-दूसरे से उलझे, अपने विभाग के कैबिनेट मंत्री के खिलाफ राज्यमंत्री ने खोला मोर्चा
प्रदेश के पंचायती राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा के मुंह से भ्रष्टाचार हटाने की बात अच्छी नहीं लगती। मीणा को ईमानदारी की बात नहीं करनी चाहिए। गुढ़ा ने कहा कि यदि इसी तरह से चलता रहा तो अकेले मीणा ही सरकार का काम निपटा देंगे।
जयपुर, नरेंद्र शर्मा। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के मंत्री एक-दूसरे से उलझने में व्यस्त हैं। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता मंत्रियों द्वारा सुनवाई नहीं किए जाने से नाखुश हैं। इस बीच शुक्रवार को प्रदेश के पंचायती राज राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा के मुंह से भ्रष्टाचार हटाने की बात अच्छी नहीं लगती है। मीणा को ईमानदारी की बात नहीं करनी चाहिए। गुढ़ा ने कहा कि यदि इसी तरह से चलता रहा तो अकेले मीणा ही सरकार का काम निपटा देंगे। सरकार का ज्यादा से ज्यादा नुकसान मीणा कर देंगे।
गुढ़ा पंचायती राज विभाग के राज्यमंत्री हैं। वहीं मीणा कैबिनेट मंत्री हैं। सरपंचों की नाराजागी के कारण कांग्रेस और सरकार को काफी नुकसान हो सकता है। गुढ़ा ने कहा, मीणा द्वारा सरपंचों को भ्रष्टाचारी बताना गलत है। सरपंच अपनी जेब से पैसा खर्च कर के जनसेवा करते हैं। पंचायत के पैसों से कोई सरपंच पैसे वाला नहीं बना। मीणा को इस तरह की बात नहीं कहनी चाहिए। गुढ़ा इससे पहले स्वायत्त शासन और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल पर निशाना साध चुके हैं।
उन्होंने कहा था कि धारीवाल का अलाइन्मेंट ठीक नहीं है। धारीवाल को ठीक करना पड़ेगा। खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना ने तो मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका पर ही निशाना साधते हुए कहा था कि मुझे जंजाल से मुक्त करें। सभी विभागों का प्रभार रांका को दे दें।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सरकार के मंत्री और विधायक लंबे समय से आपस में ही उलझ रहे हैं। चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा और शिक्षा मंत्री बी.डी.कल्ला सहित कई मंत्रियों के विधायकों ने सार्वजनिक रूप से बयान देने के साथ ही कांग्रेस आलाकमान से शिकायत भी की है। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर नाराजगी है कि मंत्री उनकी सुनवाई नहीं करते हैं। मंत्रियों के सरकारी बंगलों के दरवाजे हमेशा बंद रहते हैं। शासन सचिवालय में अधिकांश मंत्री बैठते नहीं है।
सरपंचों का महापड़ाव
रमेश मीणा को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग को लेकर प्रदेशभर के सरपंचों ने शुक्रवार से जयपुर में महापड़ाव शुरू किया। सरपंच संघ के संरक्षक भंवलाल ने कहा कि बिना किसी जांच के मंत्री सरपंचों पर घोटाले के आरोप लगाकर छवि खराब कर रहे हैं। अब तक किसी भी जांच में अनियमितता नहीं मिली है। उन्होंने सरकारी एजेंसियों के बजाय स्वयंसेवी संगठन से करवाई जा रही जांच का विरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि मीणा ने पिछले सप्ताह आरोप लगाया था कि नागौर और बाड़मेर जिों के सरपंचों पर तीन सौ करोड़ के घाटाले का आरोप लगाया था। मीणा ने कहा था कि सरपंचों ने मनरेगा में तीन सौ करोड़ की अनियमितता की है।