पाकिस्तान से आ रहे टिड्डियों ने फिर बढ़ाई किसानों की चिंता, भारत व पाक अधिकारियों की होगी बैठक
पाकिस्तान से आ रहे टिड्डी दलों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। लगातार तापमान के कम होने के कारण टिड्डी दल ऊंचे पेड़ों बैठने लगे है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। पाकिस्तान में टिड्डियों की दूसरी ब्रीडिंग के बाद निकले नए हॉपर्स पश्चिमी सीमा से सटे राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर और श्रीगंगानगर जिलों में मंडरा रहे है। पाकिस्तान से आ रहे टिड्डी दलों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। लगातार तापमान के कम होने के कारण टिड्डी दल ऊंचे पेड़ों बैठने लगे है। टिड्डी नियंत्रण को लेकर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की संयुक्त बैठक गुरूवार को मुनाबाव में होगी।
भारतीय अधिकारियों को सूचना मिली है कि पाकिस्तान के पास टिड्डी खत्म करने को लेकर उपयोग में आने वाला पेस्टिसाइड खत्म हो गया है। अब गुरूवार को होने वाली बैठक में भारतीय अधिकारी पाकिस्तान को पेस्टिसाइड देने की पेशकश कर सकते है। राजस्थान के कृषिमंत्री लालचंद कटारिया का कहना है कि टिड्डियों पर नियंत्रण को लेकर प्रयास कर रहे है। अब गुरूवार को पाकिस्तान के साथ होने वाली बैठक में ताजा हालात की समीक्षा होगी। पाकिस्तान से लगातार टिड्डी दल आ रहे है और हम स्प्रे करके इन्हे खत्म भी कर रहे है ।
टिड्डी दलों को भगाने के लिए तेज आवाज में डीजे बजा रहे किसान
पिछले तीन माह में पाकिस्तान से आ रहे टिड्डी दलों के कारण करीब 31 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन प्रभावित हुई है। दरअसल, सीमापार से आ रहे टिड्डी दल जहां भी जाता है उस इलाके को वीरान बना देता है। फसलों को चट्ट कर देता है,इन्हे खेतों में जो भी हराभरा दिखता है उसे खत्म कर देते है। इस कारण एक तरफ जहां किसानों के साथ ही सरकारी अधिकारी भी परेशान है। पाकिस्तान से आए टिड्डी दलों ने जैसलमेर जिले के भारेवाला, पोंछीना, पाचना, म्याजलार और बाड़मेर जिले के शिव, बायतु, गुढ़ामालानी एवं रामसर के साथ ही जोधपुर के शेरगढ़, फलौदी बाप एवं श्रीगंगानगर जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे ग्रामीण इलाकों में टिड्डी दलों ने आतंक मचा रखा है।
जैसलमेर,बाड़मेर और जोधपुर के किसान टिड्डियों के आक्रमण से अपनी फसल को बचाने के लिए खेतों में पहरा दे रहे है। इन जिलों में किसानों ने टिड्डियों को भगाने के लिए नया रास्ता अपनाया है। इन तीनों जिलों के खेतों में किसान दिन-रात तेज आवाज में डीजे बजाते है, जिससे आवाज सुनकर टिड्डी उनके खेत में नहीं बैठते। डीजे में राजस्थानी गाने बजते रहते है। डीजे वालों को पैसे देकर बुलाया जा रहा है। उधर श्रीगंगानगर जिले में किसानों ने लोहे के खाली पीने और थालियां बजाकर टिड्डियों को भगाने का रास्ता खोजा है।
वयस्क टिड्डी दल एक दिन में 150 किमी. उड़ता है
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार वयस्क टिड्डी दल एक दिन में 150 किलोमीटर तक हवा में उड़ सकता है। टिड्डी प्रति दिन अपने वजन जितना ताजा खाना खाता है। एक टिड्डी दल एक दिन में करीब 35 हजार लोगों का जितना खाना खा लेता है। राज्य टिड्डी नियंत्रण संगठन के उप निदेशक डॉ.के.एल.गुर्जर ने बताया कि पेस्टिसाइड स्प्रे करने का काम लगातार जारी है। पाकिस्तान के पास पोस्टिसाइड खत्म होने की जानकारी सामने आई है।