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Coronavirus Lockdown Effect: लॉकडाउन के कारण हाईवे पर नंगे पांव मजदूरों को चलते देखा तो शुरू किया "चरण पादुका " अभियान

हाईवे पर नंगे पांव मजदूरों को चलते देखा तो शुरू किया चरण पादुका अभियान-पैदल चलने वालों के चप्पल-जूतों में छेद देखकर मन पसीजा तो किसी को नंगे पांव नहीं चलने देने का संकल्प लिया

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 10:08 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 10:08 AM (IST)
Coronavirus Lockdown Effect: लॉकडाउन के कारण हाईवे पर नंगे पांव मजदूरों को चलते देखा तो शुरू किया "चरण पादुका " अभियान
Coronavirus Lockdown Effect: लॉकडाउन के कारण हाईवे पर नंगे पांव मजदूरों को चलते देखा तो शुरू किया "चरण पादुका " अभियान

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। कोरोना संकट और लॉकडाउन से उन लोगों की मुसीबत बढ़ गई, जिनकी रोजी-रोटी छीन गई है। पेट पालने के लिए पहले घर और गांव छोड़कर परदेश में मजदूरी के लिए गए थे। लेकिन अब वापस लौट रहे हैं । वाहन नहीं मिले तो पैदल ही लौट रहे हैं । कई किलोमीटर पैदल चलते-चलते इनके जूते-चप्पल टूट गए । नंगे पैर और हाथ में बच्चों की उंगली पकड़े पैदल चल रहे इन लोगों को देखकर दिल पसीज जाता है । राजमार्ग और छोटी सड़कों पर कई लोग ऐसे भी चल रहे हैं जिनकी चप्पल और जूतों में छेद हो गए । ऐसे लोगों की मदद के लिए राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने हाथ बढ़ाया है । राजेंद्र राठौड़ ने "चरण पादुका" अभियान चलाया है । इस अभियान के तहत राजस्थान में बीकानेर-जयपुर हाइवे पर चूरू से होकर तेज धूप में नंगे पांव गुजरने वालों को चप्पल-जूते पहनाए जा रहे हैं ।

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तेज धूप में नंगे पांच चलने वालों को दे रहे राहत

राजस्थान से मजदूरी के लिए हरियाणा,पंजाब,गुजरात और दिल्ली गए लोग परिवार सहित पैदल ही लौट रहे हैं। जयपुर-बीकानेर हाईवे पर इन लोगों की लंबी कतार नजर आती है ।पैदल चलते-चलते इन लोगों के चप्पल-जूते टूट गए। कई लोगों के चप्पल-जूतों में छेद हो गए। खुद नंगे पांव चल रहे मजदूर छोटे बच्चों को कंधों पर बिठाकर घर जा रहे हैं तो बड़े बच्चे अपने माता-पिता की अंगुली पकड़कर पैदल चल रहे हैं। बच्चे भी नंगे पांव है।

ऐसे लोगों की मदद "चरण पादुका " अभियान के तहत की जा रही है। राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि चूरू जिले के खासोली गांव के कुछ लोग मजदूरी के लिए अहमदाबाद गए थे। लॉकडाउन में पैदल वापस लौट रहे थे सैंकड़ों किलोमीटर पैदल चलते के कारण उनके जूते-चप्पल टूट गए थे। कुछ लोगों के जूते-चप्पल में छेद हो गए थे। यह देखकर मन पसीजा और दानदााताओं के सहयोग से जरूरतमंदों के लिए "चरण पादुका " अभियान शुरू किया। अन्य राज्यों से आने वालों के साथ ही यहां से जाने वालों को भी इस अभियान के तहत चप्पल-जूते पहनाए जाते हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम इस काम में जुटी हुई है। अब तक दो हजार लोगों को जूते-चप्पल पहनाए जा चुके हैं। यह क्रम लगातार जारी है।

सीएम की की प्रशंसा

राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि जनसहयोग से जूते-चप्पलों के साथ ही लोगों को राशन के किट वितरित किए जा रहे हैं। राशन के किट में आटा,नमक-मिर्च,तेल और दाल शामिल है। जरूरत के अनुसार ईंधन भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है। इसके साथ ही गौशालाओं में गायों को चारा पहुंचाने के साथ ही हाईवे पर नजर आने वाली आवारा गायों को भी चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस अभियान की प्रशंसा की है। गहलोत ने कहा कि तेज धूप में नंगे पांव चलने वालों को जूते-चप्पल पहनाना बड़ी राहत का काम है। 


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