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Land Samadhi Satyagraha: राजस्थान में एक और भूमि समाधि सत्याग्रह की तैयारी, मुआवजे से संतुष्ट नहीं किसान

Land Samadhi Satyagraha किसान लाडली का बांस गांव में महापंचायत करेंगे और इसके बाद भूमि समाधि सत्याग्रह करेंगे जिसमें 30 महिलाओं सहित 101 किसान सत्याग्रह पर बैठेंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 03:13 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 03:13 PM (IST)
Land Samadhi Satyagraha: राजस्थान में एक और भूमि समाधि सत्याग्रह की तैयारी, मुआवजे से संतुष्ट नहीं किसान
Land Samadhi Satyagraha: राजस्थान में एक और भूमि समाधि सत्याग्रह की तैयारी, मुआवजे से संतुष्ट नहीं किसान

जयपुर, जेएनएन। Land Samadhi Satyagraha: राजस्थान में दौसा सहित कई जिलों के किसान गुरुवार से दौसा जिले के लाडती का बांस गांव में भूमि समाधि सत्याग्रह शुरू कर रहे हैं। ये किसान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसान हैं और भूमि अधिग्रहण के बदले बाजार दर से मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। गुरुवार को ये किसान लाडली का बांस गांव में महापंचायत करेंगे और इसके बाद भूमि समाधि सत्याग्रह करेंगे, जिसमें 30 महिलाओं सहित 101 किसान सत्याग्रह पर बैठेंगे। गुर्जर नेता हिम्मत सिंह गुर्जर और राज्यसभा में भाजपा के सांसद किरोडी लाल मीणा इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे राजस्थान के सात आठ जिलों से हो कर गुजर रहा है। आंदोलनकारी किसानों का दावा है कि इन जिलों के करीब 15 हजार किसान इस एक्सप्रेस वे के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित हो रहे हैं। हिम्मत सिंह गुर्जर का कहना है कि यह केंद्र सरकार की योजना है। राज्यों द्वारा वर्ष 2017 में केंद्र सरकार से मांगे गए एक स्पष्टीकरण में केंद्र सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि यदि राज्य की परियोजना है तो मुआवजा राज्य के नियमों के अनुसार दिया जाएगा और यदि कोई परियोजना विभिन्न राज्यों से होकर गुजर रही है तो उसका मुआवजा केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार दिया जाएगा।

केंद्र सरकार ने 2013 में जो भूमि अधिग्रहण बिल लागू किया था, उसके अनुसार किसानों को बाजार दर से मुआवाज दिया जाना चाहिए, लेकिन यहां हमें राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए फार्मूले के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है। इससे ज्यादातर किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। हिम्मत सिंह का कहना है कि हम पिछले सात महीने से अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच, अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक से मुलाकात भी कर चुके है, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही है।

उधर, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण काम को निरंतर जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा कि बाजार दर से मुआवजा देने सहित हमारी कुछ और मांगे भी हैं, जिनके बारे में जिला कलक्टर को ज्ञापन दे चुके हैं। राज्य सरकार को हमारे मुआवजे की मांग केंद्र सरकार तक पहुंचानी चाहिए, लेकिन चूंकि सरकार सुनवाई नहीं कर रही है, इसलिए हमने 23 जनवरी से भूमि सत्याग्रह आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है। भाजपा सांसद किरोडीलाल मीणा भी हमारे समर्थन में आंदोलन स्थल पर रहेंगे और 101 किसान भूमि समाधि सत्याग्रह करेंगे और जब तक सरकार हमारी मांगों पर कार्रवाई नहीं करती यह आंदोलन जारी रहेगा।

गौरतलब है कि हाल में जयपुर के नींदड गांव के किसानों ने भी जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि अधिग्रहण के विरोध में इसी तरह का भूमि समाधि सत्याग्रहण आंदोलन किया था। हालांकि दो दिन बाद सरकार के वार्ता के बाद यह आंदोलन स्थगित कर दिया गया था, लेकिन आंदोलन स्थल पर किसानों का धरना अभी भी जारी है। 

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