ललित मोदी ने राजस्थान क्रिकेट को कहा अलविदा
बीसीसीआई में बकाया करीब 100 करोड़ रूपए मिलने का रास्ता अब साफ होता नजर आ रहा है । इसके साथ ही प्रदेश में आईपीएल और अंतरराष्ट्री मैच के आयोजन का रास्ता भी खुलेगा ।
जयपुर, [जागरण संवाददाता] । ललित मोदी ने क्रिकेट की राजनीति से सन्यास ले लिया । नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष ललित मोदी ने देर रात करीब एक बजे बीसीसीआई के सीईओ और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को तीन पेज का पत्र भेजकर क्रिकेट से दूरी बनाने की बात कही । ललित मोदी के नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहते हुए बीसीसीआई ने आरसीए को आर्थिक मदद देने से इंकार कर दिया था ।
बीसीसीआई ने आरसीए से साफ कह दिया था कि जब तक ललित मोदी राजस्थान क्रिकेट में किसी भी पद पर रहेंगे तब तक कोई फंड जारी नहीं किया जाएगा । इसी के बाद से ललित मोदी पर राजस्थान िक्रकेट की राजनीति से अलग होने को लेकर दबाव बढ़ने लगा था । मोदी के साथी भी धीरे-धीरे उनसे दूर होने लगे थे । उनके के बेटे रूचिर मोदी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष् पर पर डॉ.सी.पी.जोशी के मुकाबले हुए हार के बाद से कई विश्वस्त साथियों ने मोदी से साफ कह दिया था कि वे राजस्थान में क्रिकेट की राजनीति से दूर हो जाएं,जिससे बीसीसीआई आरसीए पर लगे सभी प्रतिबध हटा ले ।
यह माना जा रहा है कि मोदी के इस्तीफा देने के कारणों में उनके विश्वस्त साथियों का दूर होना भी एक कारण है। ललित मोदी ने शुक्रवार देर रात अपने तीन पेज के इस्तीफे में आसीए सदस्यों को संबोधित करते हुए लिखा कि मै तो चला, अब आप राजस्थान क्रिकेट को फिर से बेस्ट बनाओ । मुझे लगता है कि मशाल अगली पीढ़ी के ही हाथ में देनी होगी । मै क्रिकेट प्रशासक भी भूमिका से अलविदा कहता हूं । मोदी ने लिखा कि बीसीसीआई से पैसा नहीं मिला फिर भी मैने राजस्थान क्रिकेट के लिए काफी कुछ किया । इधर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों का मानना है कि अब शीघ्र ही बीसीसीआई निलंबन समाप्त करते हुए फंड जारी कर देगी । बीसीसीआई की यह शर्त थी कि मोदी के राजस्थान क्रिकेट से जुडे रहने तक बैन हटाएंगे । पिछले तीन वर्ष से बीसीसीआई राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को फंड भी जारी नहीं कर रही थी ।
बीसीसीआई में बकाया करीब 100 करोड़ रूपए मिलने का रास्ता अब साफ होता नजर आ रहा है । इसके साथ ही प्रदेश में आईपीएल और अंतरराष्ट्री मैच के आयोजन का रास्ता भी खुलेगा । राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मो.इकबाल का कहना है कि मोदी को यह कदम पहले ही उठा लेना चाहिए था,जिससे राज्य क्रिकेट को इतना नुकसान नहीं होता ।