Lockdown: बांद्रा की तरह जयपुर व जैसलमेर में भी यूपी व बिहार जाने के लिए जुटे मजदूर
Lockdown. इन मजदूरों का कहना है कि अगर हम कोरोना से मरें तो माता-पिताबीवी-बच्चों के पास तो मरें ।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। लॉकडाउन का दूसरा चरण घोषित होते ही प्रवासी मजदूरों का धर्य जवाब देने लगा है। बिहार, पश्चिम बंगाल और यूपी के मजदूर बड़ी संख्या में राजस्थान में अटके पड़े हैं। जयपुर और जैसलमेर में फंसे मजदूरों बिहार के मजदूरों ने बुधवार को सीतापुरा औधोगिक क्षेत्र में एकत्रित होकर राजस्थान सरकार से कहा कि हमें अपने घर भेजा जाए। इन मजदूरों का कहना है कि अगर हम कोरोना से मरें तो माता-पिता,बीवी-बच्चों के पास तो मरें। इन मजदूरों को समझाने जब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे तो उनका गुस्सा चरम पर था। वे अपने घर जाना चाहते थे। जब उन्हें बताया गया कि बिहार सरकार बाहरी राज्यों से जा रहे लोगों को लेने को तैयार नहीं हैं, तो वे और अधिक गुस्सा हो गया।
इन मजदूरों का एक वीडियो भी बुधवार सुबह से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वे इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को कोसाते हुए कहते हैं कि इससे तो अच्छे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, जिन्होंने अपने मजदूरों को घर पहुंचा दिया। नीतिश कुमार ने अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों की सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि नीतिश कुमार को भी योगी आदित्यनाथ की तरह मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए बसों का प्रबंध करना चाहिए नहीं तो हम यहीं मर जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार कह रही है, जहां हो वहीं रहो खाना-पानी सब मिलेगा, लेकिन हम 50 मजदूर एक बड़े हॉल में पांच दिन से भूखे बैठे हैं। हमारे मजदूरी के सारे पैसे खत्म हो चुके हैं। हमारी फैक्ट्री मालिक से लेकर ठेकेदार तक सुध नहीं ले रहे हैं। इन मजदूरों का कहना है कि अगर कोरोना से ही मरना है तो घर में तो मरें। यह वीडियो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महासचिव अरविंद राजभर ने भी फेसबुक पर शेयर किया है।
उधर, सीमावर्ती जिले जैसलमेर में भी मुंबई के बांद्रा की तरह मंगलवार शाम को मजदूर इस उम्मीद से एकत्रित हो गए कि शायद सरकार लॉकडाउन में कुछ छूट दे दे और वे बिहार व यूपी स्थित अपने घर पहुंच जाएं। करीब चार हजार मजदूर अलग-अलग ग्रुप में जिला मुख्यालय पर पहुंच गए। ये मजदूर बुधवार सुबह तक इस उम्मीद में बैठे रहे कि रोडवेज की बसें चलेगी और वे अपने घर जा सकेंगे, लेकिन बाद उन्हें अधिकारियों ने छूट नहीं दिए जाने की जानकारी दी तो वे निराश हो गए। बाद में जैसलमेर जिला कलेक्टर नमित मेहता ने सभी मजदूरों से कहा कि वे जहां है वहीं रहें, उन्हें भोजन और रहने का पूरा इंतजाम मिलेगा। वे निश्चिंत होकर रहें।